नेशनल न्यूज़। राजस्थान भ्रष्टाचार-रोधी ब्यूरो ने शनिवार को 38 वर्षीय आईआरएस अधिकारी के वाहन से 16 लाख रुपये बरामद होने के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया है। आरोप है कि अधिकारी को यह धनराशि क्षेत्र के अफीम उत्पादक से रिश्वत के रूप में मिली थी। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में सरकारी अफीम फैक्टरी में महाप्रबंधक के रूप में तैनात आईआरएस अधिकारी शशांक यादव के पास मध्य प्रदेश के नीमच में अफीम फैक्टरी में भी समान पद का अतिरिक्त प्रभार है। एसीबी ने उन्हें पूछताछ के लिये हिरासत में ले लिया है।
राजस्थान एंटी करप्शन ब्यूरो में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चन्द्रशील ठाकुर ने बताया यादव कोटा-उदयपुर राजमार्ग पर टोल प्लाजा के पास कोटा हैंगिंग ब्रिज पर यूपी में पंजीकृत उनकी एसयूवी से जब्त की गई कुल 16,32,410 रुपये की नकदी के स्रोत के बारे में विवरण नहीं दे सके। एएसपी ने कहा कि एसीबी (कोटा) के अधिकारियों को एक गुप्त सूचना मिली थी कि नीमच अफीम कारखाने के कर्मचारी कथित तौर पर राजस्थान के चित्तौड़, कोटा, झालावाड़ और प्रतापगढ़ क्षेत्रों में अफीम की खेती करने वालों से 60 से 80 हजार रुपये की वसूली कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राजस्थान के इन क्षेत्रों के किसानों को अपनी अफीम की उपज पड़ोसी राज्य की नीमच अफीम फैक्ट्री में जमा करनी पड़ती है। अधिकारियों को यह भी सूचना मिली थी कि फैक्ट्री के दोनों कर्मचारी बिचौलिए अजीत सिंह और दीपक यादव के जरिए रिश्वत ले रहे थे।
एएसपी ने कहा कि आईआरएस अधिकारी यादव इन दो लोगों से रिश्वत लेने के बाद राजमार्ग से गाजीपुर जा रहे थे। एसीबी पिछले कुछ दिनों से उन पर नजर रख रही थी| गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए एसीबी की एक टीम ने उस वाहन को रोका जिसमें अधिकारी सुबह करीब साढ़े दस बजे यात्रा कर रहे थे।
एएसपी ने कहा कि जब वाहन की तलाशी ली गई, तो एसीबी ने मिठाई के डिब्बे में पैक किए गए 15 लाख रुपये और यादव के लैपटॉप बैग और पर्स से 1,32,410 रुपये की अन्य राशि बरामद की। पैसे के स्रोत के बारे में पूछे जाने पर, आईआरएस अधिकारी संतोषजनक जवाब नहीं दे सके| इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने आगे कहा कि अफीम फैक्ट्री में काम करने वाले अधिकारियों ने करीब 6,000 अफीम उत्पादक किसानों से 30 से 36 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं।