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India रुपये का ‘बचाव’ नहीं कर रहा, हमारी मुद्रा खुद इसमें सक्षम: CEA

India रुपये का ‘बचाव' नहीं कर रहा, हमारी मुद्रा खुद इसमें सक्षम: CEA

Indian Rupee - India TV Hindi News
Photo:FILE Indian Rupee

Highlights

  • अगस्त में रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर 80.15 प्रति डॉलर पर आ गया था
  • विदेशी मुद्रा भंडार 26 अगस्त को घटकर 561.04 अरब डॉलर रह गया
  • रिजर्व बैंक यह सुनिश्चित कर रहा है कि रुपया जिस भी दिशा में जा रहा है

India अपनी मुद्रा रुपये का ‘बचाव’ नहीं कर रहा है। हमारी मुद्रा खुद इसमें सक्षम। ये बातें मंगलवार को मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने कही। उन्होंने कहा कि भारत अपनी मुद्रा रुपये का ‘बचाव’ नहीं कर रहा है और केंद्रीय बैंक द्वारा रुपये के उतार-चढ़ाव को धीमा और बाजार रुख के अनुरूप रखने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। नागेश्वरन ने मंगलवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा कि रुपये का प्रबंधन जिस तरीके से किया जा रहा है वह अर्थव्यवस्था की बुनियाद को दर्शाता है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत अपने रुपये का ‘बचाव’ नहीं कर रहा है। मुझे नहीं लगता है कि देश की बुनियाद ऐसी है जहां हमें अपनी मुद्रा का बचाव करना पड़े। रुपया इसमें खुद सक्षम है।’’

रुपया सर्वकालिक निचले स्तर तक गिरा था

अगस्त में रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर 80.15 प्रति डॉलर पर आ गया था। फिलहाल या 79.25 प्रति डॉलर पर है। सीईए ने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक यह सुनिश्चित कर रहा है कि रुपया जिस भी दिशा में जा रहा है, वह काफी तेजी से नहीं हो और बाजार रुख के अनुरूप हो।’’ विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट पर उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर जोखिम से बचाव का रुख पूंजी को यहां आने से रोक रहा है। निश्चित रूप से इससे विदेशी मुद्रा भंडार पर असर पड़ रहा है।’’रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 26 अगस्त को समाप्त सप्ताह में तीन अरब डॉलर से अधिक घटकर 561.04 अरब डॉलर रह गया।

कई देश रुपये में द्विपक्षीय व्यापार करने के इच्छुक

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा हाल ही में एक तंत्र की घोषणा के बाद कई देशों ने रुपये में ‘द्विपक्षीय व्यापार’ करने में रुचि दिखाई है। वित्त मंत्री ने हीरो माइंडमाइन शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यह सरकार द्वारा किए गए अन्य उपायों के साथ पूर्ण पूंजी खाता परिवर्तनीयता की दिशा में उठाया गया कदम है। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत पूंजी खाते में बदलाव के लिए तैयार है, उन्होंने कहा यह रूबल-रुपये का पुराना प्रारूप नहीं है। अब यह द्विपक्षीय रुपया व्यापार का प्रारूप आया है। मुझे खुशी है कि केंद्रीय बैंक इसे ऐसे समय लाया है, जब यह बहुत महत्वपूर्ण था। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि कई देशों ने रुपये में व्यापार करने में रुचि दिखायी है, कहा, ‘‘एक तरह से यह भारतीय अर्थव्यवस्था को हमारी उम्मीद से अधिक खोलने के समान है।’’

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