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कर्नाटक में 80 लाख व्हीकल्स को स्क्रैप करने की तैयारी

कर्नाटक में 80 लाख व्हीकल्स को स्क्रैप करने की तैयारी
देश में पॉल्यूशन को कम करने के लिए केंद्र सरकार की पुराने व्हीकल्स को स्क्रैप करने की पॉलिसी को लागू करने वाले राज्यों की संख्या बढ़ रही है। कर्नाटक सरकार ने व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी लागू करने का फैसला किया है। राज्य में रजिस्टर्ड लगभग 2.8 करोड़ व्हीकल्स में से लगभग 80 लाख व्हीकल्स 15 वर्ष या इससे पुराने हैं।
राज्य सरकार ने पुराने व्हीकल्स का रजिस्ट्रेशन समाप्त कर इन्हें स्क्रैप करने के जरिए पॉल्यूशन को कम करने की योजना बनाई है। आईटी हब कहे जाने वाले बेंगलुरु में लगभग एक करोड़ व्हीकल्स हैं। इनमें से 29 लाख इस वर्ष मार्च तक 15 वर्ष या इससे पुराने हो चुके थे। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट इस पॉलिसी को लागू करने से पहले राज्य मंत्रिमंडल के सामने इसे प्रस्तुत करेगा। इस पॉलिसी में 20 वर्ष से अधिक पुराने प्राइवेट व्हीकल्स और 15 वर्ष से अधिक पुराने कमर्शियल व्हीकल्स का रजिस्ट्रेशन समाप्त करने का प्रस्ताव दिया गया है। राज्य के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने बताया कि राज्यों को इस पॉलिसी से जुड़े नियम बनाने की छूट है।

कर्नाटक के मंत्रिमंडल के सामने पॉलिसी को प्रस्तुत करने के बाद पुराने व्हीकल्स से छुटकारा पाकर नए व्हीकल्स खरीदने वालों के लिए रोड टैक्स में छूट जैसे इंसेंटिव्स की जानकारी दी जाएगी। पुराने व्हीकल्स को ऑथराइज्ड सेंटर्स पर स्क्रैप किया जाएगा। अपने पुराने व्हीकल्स को स्वेच्छा से स्क्रैपिंग के लिए देने वाले लोगों को स्क्रैप करने से जुड़ा दस्तावेज दिखाने पर रोड टैक्स में छूट मिलेगी। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट जल्द ही राज्य में व्हीकल स्क्रैपिंग सेंटर्स शुरू करने की तैयारी कर रहा है।

पॉल्यूशन को कम करने की कोशिश के तहत महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में केवल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स खरीदने या रेंट पर लेने का फैसला किया था। राज्य सरकार और शहरी निकायों के इस्तेमाल के लिए अब केवल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को खरीदा या रेंट पर लिया जाएगा। इससे पहले राजधानी दिल्ली में भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को प्रोत्साहन देने के लिए उपाय की घोषणा की जा चुकी है। दिल्ली सरकार ने 10 साल से पुराने डीजल इंजन वाले व्हीकल्स को इलेक्ट्रिक व्हीकल में बदलने की अनुमति दी है। इससे इन डीजल इंजन वाले व्हीकल्स पर बैन के फैसले से बचा जा सकेगा। नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल की ओर से 2015 और सुप्रीम कोर्ट के 2018 में जारी ऑर्डर्स के तहत दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल इंजन वाले व्हीकल्स को चलाया नहीं जा सकता है। दिल्ली-एनसीआर में पॉल्यूशन बड़ी समस्या है।

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