
Jio True 5G: देश में 5G सेवाओं का इंतजार कर रहे ग्राहकों के लिए अच्छी खबर है। मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस Jio गुरुवार 5 अक्टूबर से अपनी 5G सेवाओं की शुरुआत करने जा रही है। शुरुआती दौर में कंपनी अपनी ये ट्रायल सर्विस देश के 4 शहरों में शुरू करने जा रही है, इन शहरों में दिल्ली मुंबई, कोलकाता और वाराणसी शामिल है। जल्द ही कंपनी देश के अन्य शहरों में भी जियो की 5G सेवाओं की शुरुआत करेगी।
नहीं होगी फोन या सिम बदलने की जरूरत
कंपनी ने कहा कि यह सेवा अपने आप Jio True 5G में अपग्रेड हो जाएगी। ऐसे में 5G सेवा को आजमाने के लिए आमंत्रित ग्राहकों को अपने मौजूदा Jio सिम या 5G मोबाइल फोन को बदलने की जरूरत नहीं है। कंपनी ने आज एक बयान में कहा कि रिलायंस कल दशहरे के मौके पर चार शहरों- मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और वाराणसी में जियो True 5G पेश करेगी।

Jio 5G
क्या है वैलकम ऑफर
जियो ने कहा कि ट्रायल के दौरान ग्राहकों को वैलकम ऑफर पेश किया जा रहा है, इसमें यूजर्स को 1 जीबीपीएस+ स्पीड के साथ अनलिमिटेड 5जी डेटा मिलेगा। जियो ने बयान में कहा, “अन्य शहरों के लिए बीटा परीक्षण सेवा की धीरे-धीरे घोषणा की जाएगी।” मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी ने कहा, “दशहरा 2जी जैसी विरासत प्रौद्योगिकियों के कारण बाधाओं पर विजय का प्रतीक है, ज्ञान और ज्ञान के साथ कि जियो ट्रू 5जी वास्तव में सक्षम होगा।”
Jio 5G
भारत में होंगी सबसे सस्ती सेवाएं
भारत सबसे सस्ती मोबाइल सेवाएं उपलब्ध कराने वाले देशों में से एक हैं और उम्मीद है कि यह नियम 5जी सेवाओं के लिए भी जारी रहेगी। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के उद्योग क्षेत्र में करीब 2.5 से तीन लाख करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है। तीन लाख करोड़ रुपये एक बड़ा निवेश होता है। इससे रोजगार के अच्छे अवसर भी पैदा हो रहे हैं। अनुमान है कि अगले दो से तीन वर्षों में 5G सेवाएं देश के लगभग सभी हिस्सों में पहुंच जाएंगी।
Jio 5G
एक बड़ा वर्ग डिजिटल सर्विस की सुविधा से दूर
5G देश में विनिर्माण, ऊर्जा और बैंकिंग, परिवहन, स्वास्थ्य सेवा, खेल और खुदरा क्षेत्र में आने वाले समय में एक बड़ी भुमिका निभाने जा रहा है। ‘इंडिया: ऑन द रोड’ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उपभोक्ता और उद्यम दोनों ही भारत में 5जी सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण अवसर पेश करते हैं। भारत में अभी भी एक बड़ा वर्ग डिजिटल सर्विस की सुविधा से दूर है। इसके पीछे साक्षरता और कौशल की कमी सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है जो बड़ी आबादी को डिजिटल अर्थव्यवस्था में भाग लेने से रोकती है। अगर उन तक डिजिटल सुविधा पहुंचाने में सरकार कामयाब हो जाती है तो उन्हें भी सामाजिक और आर्थिक लाभ अधिक मात्रा में मिल सकता है।