
विभाग ने कैब एग्रीगेटर्स द्वारा चलाई जा रही ऑटो सेवाओं को ऑन-डिमांड ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2016 के तहत ‘अवैध’ बताया है। वाहन एग्रीगेटर्स को इस पर रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया गया है।

परिवहन विभाग को यात्री के तरफ से मिली शिकायत के आधार पर यह कदम उठाया जा रहा है। ओला और उबर को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई है कि ये दो किलोमीटर से कम दूरी होने पर भी कम से कम 100 रुपये वसूले लेते हैं। बेंगलुरु में न्यूनतम ऑटो किराया शुरुआती 2 किलोमीटर के लिए 30 रुपये और उसके बाद प्रत्येक किलोमीटर के लिए 15 रुपये तय किए गए हैं।

इस बीच, परिवहन आयुक्त टीएचएम कुमार के मुताबिक राज्य में ये इन प्लेटफॉर्म पर कर्नाटक ऑन-डिमांड ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजी एग्रीगेटर्स का नियम, 2016 लागू है। जिसके तहत इनको केवल टैक्सी चलाने के लिए लाइसेंस दिया गया है, जो कि ऑटो पर लागू नहीं होता है।

उन्होंने बताया कि टैक्सी यानि एक ऐसा मोटर कै जिसमें ड्राइवर को छोड़कर छह यात्रियों बैठने से ज्यादा की क्षमता न हो। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने भी 9 सितंबर को चेतावनी जारी की थी।

जिसमें कहा गया था कि ओला, उबर और मेरु जैसे भारतीय कैब एग्रीगेटर्स (सीए) अपने कमाई का बंटवरा ड्राइवर के बीच किस तरह करते उसे स्पष्ट करें और पारदर्शी नीतियां तैयार करने के लिए कहा गया था।

विभाग ने आदेश का पालन नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। पत्र में कहा गया है, “एग्रीगेटर नियमों का उल्लंघन कर ऑटो-रिक्शा की सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। साथ ही, यह विभाग को पता चला है कि ग्राहकों से सरकार द्वारा निर्धारित दरों से अधिक शुल्क लिया जा रहा है।

एल हेमंत कुमार, अपर आयुक्त परिवहन एवं सचिव, राज्य परिवहन प्राधिकरण, ने ऊपर कही गई बातों को दोहराते हुए कहा कि, “वे कैब-एग्रीगेटर लाइसेंस पर ऑटो रिक्शा नहीं चला सकते हैं। एग्रीगेटर नियम केवल कैब के लिए हैं। हमने उन्हें ऐप के माध्यम से ऑटो रिक्शा सेवाओं को बंद करने और एक रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है।

6 अक्टूबर को, बेंगलुरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या ने इस मुद्दे पर प्रकाश डाला और सीएम और परिवहन मंत्री से आवश्यक कार्रवाई करने को कहा। एक ट्वीट में, उन्होंने लिखा, “ऑटो रिक्शा बेंगलुरु में पहली और अंतिम-मील कनेक्टिविटी की रीढ़ हैं। हमें हाल ही में तकनीकी एग्रीगेटर्स द्वारा 30 रुपये की निर्धारित सीमा के विरुद्ध न्यूनतम शुल्क के रूप में 100 रुपये चार्ज करने के संबंध में कई शिकायतें मिलीं । इसमें उन्होंने सीएम और परिवहन मंत्री से आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया।”