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बेंगलुरु-चेन्नई वंदे भारत एक्सप्रेस मवेशी से टकराई, ट्रैक को सुरक्षित बनाने की तैयारी हुई शुरू

बेंगलुरु-चेन्नई वंदे भारत एक्सप्रेस मवेशी से टकराई, ट्रैक को सुरक्षित बनाने की तैयारी हुई शुरू

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oi-Nitish Kumar

सेमी-हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत से मवेशियों के टकराने का मामला बढ़ता ही जा रहा है। लगभग एक सप्ताह पहले बेंगलुरु से शुरू हुई बेंगलुरु-मैसूरु-चेन्नई वंदे भारत एक्सप्रेस गुरुवार (17 नवंबर) को ट्रैक पर चल रहे मवेशी से टकरा गई। यह घटना तमिलनाडु के अराक्कोनम में हुई। इस रूट पर चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस बेंगलुरु के केएसआर रेलवे स्टेशन पर रुकती है। दुर्घटना के कारण ट्रेन का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया, जबकि मवेशी की मौत हो गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुर्घटना के वक्त ट्रेन 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से जा रही थी।

बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 नवंबर को बेंगलुरु के केएसआर रेलवे स्टेशन से बेंगलुरु-चेन्नई वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। जानकारी के मुताबिक, इस ट्रेन की औसत रफ्तार 75-77 किमी/घंटा है जो अन्य वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की तुलना में सबसे कम है। वर्तमान में चल रही 5 वंदे भारत ट्रेनों में बेंगलुरु-चेन्नई वंदे भारत ट्रेन सबसे धीमी है।

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अक्टूबर 2022 से वंदे भारत ट्रेन से जानवरों के टकराने की यह पांचवीं घटना है। इससे पहले 1 अक्टूबर को लॉन्च हुई मुंबई-अहमदाबाद वंदे भारत ट्रेन मवेशियों के टकराने से क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिससे परिचालन पर प्रभाव पड़ा था। यह ट्रेन 9 दिनों में तीन बार मवेशियों के ट्रैक पर आने से टकराई। रेल मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2022 के शुरूआती 9 दिनों में 200 ट्रेनें मवेशियों की चपेट में आने से प्रभावित हुईं। वहीं इस साल अबतक 4,000 से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित हुई हैं।

रेलवे ट्रैक को सुरक्षित बनाने की तैयारी शुरू

इन दुर्घटनाओं को देखते हुए रेल मंत्रालय ने रेलवे ट्रैक को सुरक्षत बनाने का प्रयास शुरू कर दिया है। रेलवे ट्रैक को मवेशियों से सुरक्षित रखने के लिए अगले 6 महीनों के भीतर 1,000 किलोमीटर के ट्रैक की घेराबंदी करने की योजना तैयार की गई है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि मंत्रालय ट्रैक की सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीरता से काम कर रहा है। इसके लिए दो अलग-अलग डिजाइन को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि अगले पांच से छह महीनों में डिजाइन की टेस्टिंग के लिए 1,000 किलोमीटर के ट्रैक की घेराबंदी की जाएगी।

रेल मंत्री ने बताया कि घेराबंदी के लिए बनाई जाने वाली ये दीवारें पारंपरिक दीवारों से अलग होंगी। इससे मवेशियों को ट्रैक पर आने से रोका जा सकेगा और आसपास के ग्रामीणों को भी कोई समस्या नहीं होगी। बता दें कि रेलवे ट्रैक पर मवेशियों के आने से सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं उत्तरी रेलवे जोन में दर्ज की जा रही हैं। उत्तर प्रदेश में मोरादाबाद-लखनऊ रूट, पंजाब में फिरोजपुर, हरियाणा में अम्बाला और दिल्ली में इस साल कुल 6,800 दुर्घटनाएं ट्रैक पर मवेशियों के आने से हुई हैं।

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English summary

Bengaluru chennai vande bharat express cattle accident details

Story first published: Saturday, November 19, 2022, 10:39 [IST]



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