इस महीने कुछ अन्य बड़ी टेक कंपनियों ने भी बड़ी संख्या में छंटनी की घोषणा की थी। इनमें Amazon, फेसबुक को चलाने वाली Meta और Twitter शामिल हैं। HP के CEO Enrique Lores ने एक स्टेटमेंट में बताया कि कॉस्ट घटाने की योजना से कंपनी को कस्टमर्स की जरूरतें बेहतर तरीके से पूरी करने के साथ ही लंबी अवधि में वैल्यू बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस बारे में कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “यह हमारे लिए बहुत मुश्किल फैसला है क्योंकि इससे हमारे सहकर्मियों पर असर पड़ेगा। हम लोगों के साथ सहानुभूति और सम्मान का व्यवहार रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” कंपनी के तिमाही रेवेन्यू में 11.2 प्रतिशत की कमी हुई है।
मेटा ने 11,000 से अधिक स्टाफ को निकालने की घोषणा की थी। दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति Elon Musk के माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर को खरीदने के बाद कंपनी की लगभग आधी वर्कफोर्स को बाहर किया गया है। महामारी के दौरान टेक कंपनियों का बिजनेस तेजी से बढ़ा था और इसका असर उनके वैल्यूएशंस पर भी दिखा था। इस वर्ष इन्फ्लेशन और इंटरेस्ट रेट्स में बढ़ोतरी से इन कंपनियों के वैल्यूएशंस में काफी गिरावट आई है। मेटा के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर, Mark Zuckerberg ने एंप्लॉयीज को मैसेज में बताया था, “मैक्रो इकोनॉमिक स्थितियों के कमजोर होने, कॉम्पिटिशन बढ़ने और विज्ञापनों में कमी से हमारा रेवेन्यू अनुमान से बहुत कम रहा है। मुझसे गलती हुई है और मैं इसकी जिम्मेदारी लेता हूं।” उन्होंने कहा था कि कंपनी को अपने रिसोर्सेज AI, विज्ञापनों और मेटावर्स प्रोजेक्ट जैसे ग्रोथ की अधिक संभावना वाले एरिया में लगाने की जरूरत है।
कंपनी से हटाए जाने वाले स्टाफ को 16 सप्ताह की बेस पे के साथ ही प्रत्येक वर्ष की सर्विस के लिए दो अतिरिक्त सप्ताह की बेस पे दी जाएगी। इसके अलावा छह महीने की हेल्थकेयर कॉस्ट का भी कंपनी भुगतान करेगी। मेटा ने बताया कि वह गैर जरूरी खर्च को घटाने के साथ ही अगले वर्ष की पहली तिमाही तक हायरिंग को रोकने की भी योजना बना रही है।
लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।