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असम ने मेघालय बॉर्डर पर हिंसा की जांच सीबीआई को सौंपी, हिमंता विश्व शर्मा की कैबिनेट का फैसला

असम ने मेघालय बॉर्डर पर हिंसा की जांच सीबीआई को सौंपी, हिमंता विश्व शर्मा की कैबिनेट का फैसला

असम-मेघालय बॉर्डर- India TV Hindi

Image Source : पीटीआई
असम-मेघालय बॉर्डर

Assam Meghalaya Border Violence : मेघालय के मंत्रियों और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच होने वाली बैठक से पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को दिल्ली में कहा कि उनके मंत्रिमंडल ने दोनों राज्यों की सीमा पर हुई हिंसा की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का फैसला किया है। असम के मंत्री मध्यकालीन असमी नायक लचित बोरफुकन के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में शिकरत करने के लिए दिल्ली आए थे, जहां मंत्रिमंडल की यह अभूतपूर्व बैठक हुई। 

वन कर्मियों के लिए एसओपी जारी करने का फैसला

मंत्रिमंडल ने मंगलवार को मेघालय के पांच आदिवासी ग्रामीणों को मार गिराने के आरोपी राज्य के पुलिस बल को भी नागरिकों से जुड़े मुद्दों या अशांति से निपटने के दौरान संयम बरतने का निर्देश दिया। दिल्ली में आयोजित विशेष कैबिनेट बैठक के दौरान मंत्रिपरिषद ने नागरिकों से संबंधित विवाद से उत्पन्न होने वाली स्थितियों से निपटने के लिए पुलिस और वन कर्मियों के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करने का फैसला किया। 

हमने पुलिस से संयम बरतने को कहा है-शर्मा

शर्मा ने ट्वीट किया, ‘‘हमने पुलिस को नागरिकों से निपटने के दौरान घातक हथियारों का उपयोग करने में संयम बरतने को कहा है। इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए पुलिस और वन कर्मियों के लिए एसओपी तैयार किया जाएगा। सभी पुलिस थाना प्रभारियों को इस तरह के विषयों के प्रति संवेदनशील बनाया जाएगा।’’ 

मेघालय के सीएम ने सीबीआई जांच की मांग की थी

इससे पहले, मंगलवार रात मेघालय कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें 24 नवंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिए मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा के नेतृत्व में मंत्रियों के एक प्रतिनिधिमंडल को दिल्ली भेजने का फैसला किया गया था। मेघालय का प्रतिनिधिमंडल राज्य की पूर्वी सीमा पर हुई हिंसा की सीबीआई या एनआईए जांच की मांग करेगा। इस हिंसा में राज्य के पांच नागरिकों और असम सीमा रक्षक समेत छह लोगों की मौत हो गई थी। 

असम पुलिस और वन रक्षकों अकारण गोलीबारी की-संगमा

मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने मंगलवार को ट्विटर के जरिए शिकायत की कि असम पुलिस और वन रक्षकों ने “मेघालय में प्रवेश किया और राज्य के नागरिकों पर अकारण गोलीबारी की।” इस ट्वीट के साथ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा को टैग किया था। असम कैबिनेट की बैठक में, मंत्रियों ने पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले में “दुर्भाग्यपूर्ण पुलिस-नागरिक संघर्ष” में छह लोगों की मौत और कई अन्य लोगों के घायल होने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए शोक जताया। 

न्यायिक जांच 60 दिन के अंदर पूरी होगी-शर्मा

असम के मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए लिखा, “हमारे मंत्रिमंडल ने संबंधित पुलिस जांच सीबीआई को सौंपने का भी फैसला किया है।” उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति रूमी फूकन को घटना के लिए जिम्मेदार रहीं परिस्थितियों की न्यायिक जांच का अनुरोध करने का भी फैसला किया है। शर्मा ने कहा कि न्यायिक जांच 60 दिन के अंदर पूरी कर ली जाएगी। इससे पहले मेघालय विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष मुकुल संगमा ने बुधवार को असम पुलिस द्वारा कथित रूप से निहत्थे ग्रामीणों की हत्या को “नरसंहार का मामला” बताया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। हिंसा में छह लोग मारे गए थे। 

इनपुट-भाषा

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