दूसरी ओर खबर है कि Foxconn फैक्ट्री कर्मचारियों को समय पर पैसा नहीं दिया जा रहा है, वहीं कोविड संक्रमण का खतरा भी वहां पर बना हुआ है, जिसके कारण कर्मचारी जान के खतरे पर वहां काम करने के लिए राजी नहीं है। इसी कारण कर्मचारियों का गुस्सा फूट गया और वे विरोध प्रदर्शन पर उतर आए। झड़प में कर्मचारियों को पुलिस द्वारा पीटे जाने की भी खबर है। वहीं, कम्यूनिस्ट पार्टी की वर्तमान सरकार चाहती है कि कोरोना की लहर के बीच फैक्ट्रियों को पूरी तरह से बंद न किया जाए तो अच्छा है। इसके लिए सरकार ने कर्माचारियों को फैक्ट्री के अंदर ही रखने का फैसला किया। जिसके बाद उन्हें बाहरी दुनिया से संपर्क रहित रहना पड़ा।
विरोध प्रदर्शन से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहे हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि मास्क पहने हजारों लोग पुलिस के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। वीडियो में पुलिसकर्मियों द्वारा प्रदर्शनकारियों को पीटते हुए भी देखा जा सकता है। प्रदर्शन बुधवार की सुबह को शुरू हुआ बताया गया है, जब फैक्ट्री के बाहर हजारों की संख्या में लोग जमा हो गए और सिक्योरिटी कर्माचारियों के साथ बगावत पर उतर आए। Apple की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है। कंपनी इससे पहले चेताया था कि झेंगझोऊ में 2 लाख के लगभग कर्मियों को कोविड के चलते निकाले जाने के कारण iPhone 14 की डिलीवरी में देरी हो सकती है।
चीन के झेंगझोऊ में स्थित Foxconn में iPhone 14 को एसेम्बल करने के लिए कर्मियों को ज्यादा वेतन देने की बात कहकर आकर्षित किया गया। लेकिन फैक्ट्री के एक कर्मचारी Li Sanshan के मुताबिक, यहां आने के बाद कंपनी ने उनकी वेतन की नीति को बदल दिया। ली ने बताया कि उसने यहां आने से पहले अपनी केटरिंग की जॉब छोड़ी, क्योंकि विज्ञापन में दो महीने के काम के लिए 25 हजार युआन (लगभग 2.8 लाख रुपये) देने की बात कही गई थी। लेकिन कंपनी ने यहां आने के बाद कहा कि उनको दो की बजाय 4 महीने काम करना होगा, तब जाकर उन्हें 2.8 लाख रुपये की रकम मिलेगी।
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