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oi-Nitish Kumar
कर्नाटक हाई कोर्ट के एक फैसले के बाद अब राज्य में कैब और ऑटो की सवारी 5 प्रतिशत महंगी हो सकती है। दरअसल, सरकार ने कर्नाटक हाई कोर्ट में 25 नवंबर को ओला, उबर और रैपिडो जैसे कैब एग्रिगेटर्स से ग्राहक के हर राइड पर 5 फीसदी सुविधा शुल्क लेने का प्रस्ताव रखा है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, कर्नाटक हाई कोर्ट परिवहन विभाग को हर कैब राइड पर 5 फीसदी सुविधा शुल्क लेने की अनुमति दे सकती है। इसका सीधा असर कैब चालकों और ग्राहकों पर पड़ने वाला है। सुविधा शुल्क के संबंध में अंतिम फैसला कर्नाटक हाई कोर्ट को लेना है।
कर्नाटक सरकार ने ऑटो रिक्शा के लिए न्यूनतम शुल्क 30 रुपये तय किया है। जिसके बाद प्रति किलोमीटर 15 रुपये की दर से शुल्क लिया जाएगा। अब इसपर ग्राहकों से 5 फीसदी का सुविधा शुल्क लेने का प्रस्ताव रखा गया है।
ऐप आधारित ऑटो एग्रीगेटर्स ओला, उबर और रैपिडो के कमीशन फीस और लाइसेंस पर कई महीनों से बहस चल रही है। इस मामले में अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी। इससे पहले सरकार ने एग्रीगेटर द्वारा लगाए गए कमीशन को 10 प्रतिशत पर रखने के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट के अस्थायी आदेशों पर सहमति व्यक्त की थी।
हालांकि, कर्नाटक कैब एग्रिगेटर्स एसोसिएशन ने सरकार के इस फैसले पर सहमत नहीं है। एसोसिएशन का कहना है कि सरकार को कर्नाटक ऑन डिमांड ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजी एग्रीगेटर्स रूल्स में संशोधन करना चाहिए था क्योंकि इसमें ऑटोरिक्शा का कोई प्रावधान नहीं है।
एसोसिएशन ने परिवहन विभाग पर हाई कोर्ट को पूरी जानकारी नहीं देने का भी आरोप लगाया है। कैब एग्रिगेटर्स एसोसिएशन का कहना है कि अगर परिवहन विभाग ने अदालत को उचित जानकारी दी होती, तो अदालत सरकार को नियम में संशोधन लाने का निर्देश देती।
मौजूदा योजना में, ऑटोरिक्शा की सवारी के लिए प्रति किलोमीटर का शुल्क 15 रुपये है। बेंगलुरु में प्रति किलोमीटर की सवारी पर जीएसटी के साथ पांच प्रतिशत सुविधा शुल्क जोड़ने पर लगभग 80 पैसे खर्च होंगे।
English summary
Cab aggregators to charge 5 percent as convenience fees
Story first published: Monday, November 28, 2022, 11:08 [IST]
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