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oi-Nitish Kumar
वाहन कंपनियां अक्सर अधिक माइलेज के आंकड़े दिखाकर ग्राहकों को आकर्षित करने की कोशिश करती है। हालांकि, माइलेज को लेकर कंपनी के दावे हमेशा सही नहीं होते और असल परिस्थितियों ग्राहक को कम माइलेज ही मिलती है।
हाल ही में एक मामला सामने आया है जिसमें फोर्ड इंडिया को अपनी कार का अधिक माइलेज क्लेम करना महंगा पड़ गया। यह मामला एक 8 साल पुरानी फोर्ड की कार को लेकर है जिसमें कार के मालिक ने कंपनी पर गलत माइलेज का दावा कर कार बेचने की शिकायत की और अदालत का दरवाजा खटखटाया।
दरअसल, केरल के एक व्यक्ति ने साल 2014 में फोर्ड की क्लासिक डीजल कार खरीदी थी। उसने कोर्ट को बताया कि कंपनी ने इस कार में 32 किलोमीटर की माइलेज मिलने का दावा किया था। अधिक माइलेज के दावे से प्रभावित होकर उसने यह डीजल कार खरीदी, लेकिन असल में उसे जो माइलेज मिल रही थी वह दावे से कई गुना कम थी।
कार के मालिक ने इसकी शिकायत जब केरल हाई कोर्ट से की तो कोर्ट ने फोर्ड इंडिया के संबंधित अधिकारियों को खटघरे में खड़ा कर दिया। इसके बाद कोर्ट ने माइलेज जांचने के आदेश दिए जिसमें पाया गया कि कार की असल माइलेज कंपनी के दावे से 40 फीसदी कम थी।
इसके बाद कोर्ट ने फोर्ड इंडिया को कार ग्राहक को 3 लाख रुपये हर्जाना देने का आदेश सुनाया। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि फोर्ड इंडिया लिमिटेड और कैराली फोर्ड (शोरूम) ने ग्राहक को अधिक माइलेज का झांसा देकर कार की बिक्री की है जो कि कानूनी तौर पर अपराध है।
English summary
Ford india to pay rs 3 lakh compensation over deceptive mileage claim
Story first published: Saturday, December 3, 2022, 14:28 [IST]