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‘भारत जोड़ो यात्रा’ की मध्य प्रदेश से राजस्थान में एंट्री, गहलोत-पायलट और कमलनाथ के साथ थिरकते नजर आए राहुल गांधी

‘भारत जोड़ो यात्रा' की मध्य प्रदेश से राजस्थान में एंट्री, गहलोत-पायलट और कमलनाथ के साथ थिरकते नजर आए राहुल गांधी

आज 5 दिसंबर को भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में एंट्री कर गई। - India TV Hindi


आज 5 दिसंबर को भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में एंट्री कर गई।

राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ 12 दिन बाद रविवार शाम को मध्यप्रदेश से राजस्थान में प्रवेश कर गई है। इस दौरान भारत जोड़ो यात्रा ने मध्य प्रदेश में 380 किलोमीटर की दूरी तय की। यह यात्रा मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिले से शाम करीब छह बजकर 40 मिनट पर चंवली नदी पर बने पुल को पार करते हुए पड़ोसी राज्य राजस्थान में प्रवेश कर गई। राहुल गांधी और भारत जोड़ो यात्रा के स्वागत के लिए सीएम अशोक गहलोत, सचिन पायलट और कांग्रेस कई नेता मध्य प्रदेश की सीमा पर पहुंचे। राजस्थान सीमा में प्रवेश करते ही सभी का जोरदार स्वागत किया गया। इस मौके पर कमलनाश, सीएम अशोक गहलोत, गोविंद सिंह डोटासारा और सचिन पायलट समेत अन्य नेताओं ने राजस्थान का सहरिया जनजाति के लोकनृत्य पर नृत्य किया। यहां पर संजय डांगी के खेत में यात्रा का रात्रि विश्राम होगा। झालावाड़ में यात्रा 4 से 6 दिसंबर तक रहेगी। तय रूट के अनुसार भारत जोड़ो यात्रा कोटा, बूंदी, टोंक, सवाई माधोपुर, दौसा और अलवर जिले से होते हुए राजस्थान से बाहर चली जाएगी। 

भारत जोड़ो यात्रा मध्य प्रदेश में 23 नवंबर को दाखिल हुई थी। राहुल गांधी के साथ मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और पार्टी के अन्य नेताओं ने कांग्रेस शासित राजस्थान में प्रवेश करने के लिए चंवली नदी पर बने पुल को पार किया। कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ और पार्टी के अन्य नेता राहुल गांधी के राजस्थान में प्रवेश करने के दौरान उनके साथ थे। 

मध्यप्रदेश में यात्रा का अंतिम चरण रविवार दोपहर 3.30 बजे आगर मालवा जिले के सोयतकलां से शुरू हुई और डोंगर गांव में समाप्त हुई। राहुल का स्वागत करने के लिए सड़क के दोनों ओर पार्टी कार्यकर्ताओं के अलावा स्थानीय लोग और दर्शक कतार में खड़े थे। इस दौरान, वह चलते-चलते हाथ हिला कर लोगों का अभिवादन कर रहे थे। भारत जोड़ो यात्रा के अंतिम पड़ाव डोंगर गांव पहुंचने पर आतिशबाजी के जरिए राहुल का स्वागत किया गया। इस अवसर पर राहुल ने कहा कि युवाओं, किसानों और मजदूरों की समस्याओं को समझने के लिए देश में पैदल चलने की आवश्यकता है और इसलिए उन्होंने (तमिलनाडु के) कन्याकुमारी से (सात सितंबर को) देशव्यापी यात्रा शुरू की।

इस यात्रा पर मैं कभी थका नहीं – राहुल गांधी

राहुल ने कहा कि इस यात्रा की खास बात यह है कि इसमें कोई थकान महसूस नहीं हुई। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं दिवाली के लिए दिल्ली गया था और वहां अपने कमरे में सो रहा था, तो उस समय मुझे (भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मेरे सोने एवं आराम करने के लिए बनाया गया) अपना कंटेनर याद आ रहा था और मैंने आसपास के लोगों से कहा कि मैं अपने उसी कंटेनर में वापस जाना चाहता हूं।’’ राहुल ने कहा कि यहां तक कि कमलनाथ को भी सुबह तेज बुखार था और मैंने उन्हें यात्रा से ब्रेक लेने और आराम करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया और पदयात्रा में भाग लेने के लिए दवाइयां लीं और देखिए अब वह मुस्कुरा रहे हैं। 

भाजपा, संघ और विहिप नेताओं को चुनौती

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर देश में नफरत, डर एवं झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि भले ही भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार हमें अपनी आवाज उठाने की अनुमति नहीं दे रही है, लेकिन हमने अपनी आवाज को उठाने के लिए सड़कों पर उतरने का फैसला किया है। इससे पहले, कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के अंतिम दिन रविवार को आगर मालवा जिले के सोयतकलां में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं भाजपा, संघ और विहिप नेताओं को चुनौती देता हूं कि वे मीडियाकर्मियों के सामने धर्म और अध्यात्म के मुद्दे पर राहुल गांधी के साथ बैठ जाएं और बहस कर लें।’’ उन्होंने कहा कि चर्चा से साबित होगा कि राहुल को भाजपा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के लोगों की तुलना में धर्म और अध्यात्म का अधिक ज्ञान है। 

भारत जोड़ो यात्रा का मुख्य उद्देश्य देश में संविधान और संस्कृति को बचाना

कमलनाथ ने यह भी कहा कि राहुल की ‘भारत जोड़ो’ यात्रा का मुख्य उद्देश्य देश में संविधान और संस्कृति को बचाना है। उन्होंने कहा कि यात्रा ने 23 नवंबर को पहली बार किसी हिंदी भाषी क्षेत्र मध्यप्रदेश में बुरहानपुर जिले के बोदरली गांव से प्रवेश किया था और राज्य में पिछले 12 दिनों में इसे लोगों से भारी समर्थन मिला है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘भीड़ देखकर मुझे ताजुब्ब हुआ। राज्य के सुदूर इलाकों से जो लोग आ रहे हैं, हमने उन्हें आने के लिए कहा नहीं था। यही इस यात्रा की सफलता को साबित करता है।’’ तमिलनाडु के कन्याकुमारी से सात सितंबर को शुरू हुई ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का आज 88वां दिन है।

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