Photo:INDIA TV अपने हिसाब से काम करने के तरफ बढ़ रही दुनिया साल खत्म होने को है। पिछले 2-3 महीने से लगातार हो रही छंटनी से लगभग कंपनी में हड़कंप मचा हुआ है। कर्मचारी अपनी नौकरी बचाने के लिए कोशिश करते हुए नजर आ रहे हैं। टीम कम, काम अधिक हो गया है। इन सब के बीच पीपल एट वर्क 2022 की इस रिपोर्ट ने सबको हैरान कर दिया है। बता दें, यह रिपोर्ट कर्मचारियों के पसंद-ना पसंद पर सर्वे कर तैयार की जाती है। समझौता करने को तैयार हैं लोग रिपोर्ट के मुताबिक, कर्मचारियों का एक बड़ा वर्ग अपने कामकाजी जीवन में अधिक लचीलापन चाहता है। उसके लिए वह कुछ समझौता करने को भी तैयार है। बता दें, एडीपी रिसर्च इंस्टिट्यूट के ‘पीपल एट वर्क 2022: ए ग्लोबल वर्कफोर्स व्यू’ के तहत 17 देशों में लगभग 33,000 कर्मचारियों के बीच यह सर्वे किया गया। इसमें 10 में से सात से ज्यादा कर्मचारियों ने अपने कामकाजी घंटों में अधिक लचीलेपन की मांग की। भारत को लेकर क्या कहती है ये रिपोर्ट? भारत में 76.07 प्रतिशत कर्मचारी अपने काम के घंटों पर नियंत्रण रखना पसंद करते हैं। इन कर्मचारियों का कहना है कि वे ‘रीमोट’ या दफ्तर के साथ घर से भी काम करने की सुविधा के लिए वेतन में कटौती के लिए भी तैयार हैं। लगभग 76.38 प्रतिशत कर्मचारियों का कहना है कि यदि उन्हें पूरी तरह काम पर लौटने के लिए कहा जाता है, तो वे नई नौकरी की तलाश करेंगे। नए विकल्पों को तलाशने की जरूरत एडीपी के दक्षिण-पूर्व एशिया और भारत के प्रबंध निदेशक राहुल गोयल ने कहा, ‘‘मौजूदा समय में कर्मचारियों को काम पर संतुष्ट रखने के लिए परंपरागत नौ से पांच नौकरी की जगह कुछ नए विकल्पों की आवश्यकता है। Latest Business News Source link Share This OnClick to share on Twitter (Opens in new window)Click to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Click to share on WhatsApp (Opens in new window) RELATED Post navigation मदर डेयरी ने दूध के दाम में इस साल पांचवी बार की बढ़ोतरी, फुल क्रीम मिल्क के लिए अब इतने रुपये चुकाने होंगे स्पाइसजेट के नए डायरेक्टर के नाम पर लगी मुहर, एक बार पहले भी उन्हें दिया जा चुका है मौका