Photo:INDIA TV पुरानी कार भारत में सेकेंड हैंड (पुरानी कार) कारों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। हाल के वर्षों में सेकेंड हैंड गाड़ियों की ऑनलाइन बिक्री कई गुना बढ़ गई है। कोरोना के बाद देश में सेकेंड हैंड कारों का बाजार तेजी से बढ़ा लेकिन अभी भी खरीदने और बेचने वालों को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है, जैसे आरसी का ट्रांसफर, थर्ड पार्टी नुकसान की भरपाई, कार मालिक की सही जानकारी आदि। इन समस्याओं को देखते हुए सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्रालय ने अब केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के अध्याय 3 में संशोधन कर दिया है, ताकि प्री-ओन्ड कार बाजार के लिए एक समग्र नियामक इको-प्रणाली बनाई जा सके। आइए, जानते हैं कि इस बदलाव से पुरानी कार खरीदने और बेचने पर क्या असर होगा? नियम में बदलाव से मिलेंगे ये फायदे सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्रालय ने पुरानी कार बाजार को प्रोत्साहित करने तथा डीलरों के जरिये पंजीकृत वाहनों के क्रय-विक्रय में पारदर्शिता लाने के लिए एक अधिसूचना जी.एस.आर 901(ई) जारी की है। सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्रालय ने बताया कि नए नियमों में डीलरों को यह अधिकार दिया गया है कि वे अपने कब्जे वाले वाहनों के पंजीकरण प्रमाणपत्र, वाहन फिटनेस प्रमाणपत्र के नवीनीकरण, पंजीकरण प्रमाणपत्र की सत्यता, एनओसी, पेपर ट्रांसफर लिए आवेदन कर सकते हैं। जानकारों का कहना है कि इस बदलाव से पुरानी गाड़ी खरीदने और बेचने वालों को बड़ी राहत मिलेगी। वो आसानी से पुरानी गाड़ी खरीद और बेच पाएंगे। बाद में कोई समस्या भी नहीं होगी। धोखाधड़ी से पर्याप्त सुरक्षा भी मिलेगी मंत्रालय के मुताबिक नए नियम पंजीकृत वाहनों के डीलरों, बिचौलियों की पहचान करने और उन्हें अधिकार देने में सहायक होंगे। साथ ही इन वाहनों की खरीद-बिक्री के सम्बंध में धोखाधड़ी से पर्याप्त सुरक्षा भी मिलेगी। मंत्रालय का कहना है कि नियामक उपाय के तौर पर, इलेक्ट्रॉनिक वाहन के रख-रखाव सम्बंधी ट्रिप रजिस्टर रखना अनिवार्य कर दिया गया है, जिसमें वाहन के उपयोग करने का पूरा विवरण देना होगा। इसमें गंतव्य स्थान, जाने का कारण, ड्राइवर, माइलेज, समय आदि की पूरी जानकारी देनी होगी। Latest Business News Source link Share This OnClick to share on Twitter (Opens in new window)Click to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Click to share on WhatsApp (Opens in new window) RELATED Post navigation CAD software: क्या है CAD सॉफ्टवेयर? बिगनर्स के लिए मिलने वाले CAD सॉफ्टवेयर का पता है यहां विदेशी निवेशकों की बेरुखी स्टॉक मार्केट पर पड़ी भारी, 2008 के बाद 2022 में सबसे अधिक 1.21 लाख करोड़ निकाले