Reuters की रिपोर्ट में बताया गया है कि Alphabet के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर, Sundar Pichai ने एक स्टाफ मेमो में यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि हमारे सामने बड़ा अवसर है। हमारे प्रोडक्ट्स और सर्विसेज की वैल्यू और AI में हमारे शुरुआती इनवेस्टमेंट से हमें मजबूती मिलेगी।” कंपनी अपने स्टाफ को वर्ष के अंत में मिलने वाले बोनस के एक हिस्से की पेमेंट को टाल रही है। Alphabet का कहना है कि वर्कर्स के लिए नए परफॉर्मेंस मैनेजमेंट सिस्टम में बदलाव के हिस्से के तौर पर यह किया जा रहा है। कंपनी पात्र वर्कर्स को 80 प्रतिशत एडवांस बोनस की पेमेंट करेगी और बाकी का हिस्सा बाद में दिया जाएगा।
पिछले कुछ महीनों में इकोनॉमिक स्थिति के अनिश्चित होने की वजह से बहुत सी टेक कंपनियों ने छंटनी की है। इनमें फेसबुक को चलाने वाली Meta, Amazon, माइक्रोब्लॉगिंग साइट Twitter और चाइनीज स्मार्टफोन मेकर Xiaomi शामिल हैं। हाल ही में ग्लोबल सॉफ्टवेयर कंपनी Microsoft ने लगभग 10,000 वर्कर्स को हटाने की घोषणा की थी। क्लाउड कंप्यूटिंग से जुड़े कस्टमर्स के खर्च घटाने का माइक्रोसॉफ्ट को नुकसान हो रहा है। कंपनी पर अपनी क्लाउड यूनिट Azure के ग्रोथ रेट को बरकरार रखने का प्रेशर है। पिछली कुछ तिमाहियों से मंदी के कारण पर्सनल कंप्यूटर्स के मार्केट को नुकसान हुआ है और इससे माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज और डिवाइसेज की बिक्री पर असर पड़ा है। माइक्रोसॉफ्ट पिछली तिमाही के रिजल्ट्स की 24 जनवरी को घोषणा करेगी।
कंपनी के पास पिछले वर्ष जून तिमाही के अंत में लगभग 2,21,000 वर्कर्स थे। इनमें से लगभग 1,22,000 अमेरिका और बाकी अन्य देशों में थे। कंपनी के छंटनी के फैसले से यह संकेत मिल रहा है कि टेक सेक्टर में वर्कफोर्स में कटौती जारी रह सकती है। हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर Satya Nadella ने टेक सेक्टर के लिए दो वर्ष तक चुनौतियां रहने की चेतावनी दी थी। उनका कहना था कि माइक्रोसॉफ्ट को भी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा और टेक कंपनियों को एफिशिएंट बनने की जरूरत है।