बॉलीवुड की बेबाक एक्ट्रेस Kangana Ranaut की दो वर्ष बाद Twitter पर वापसी

Elon Musk को Kangana Ranaut की सलाह, भारत में आधार कार्ड रखने वालों को मिले ब्लू टिक
कुछ हिट बॉलीवुड फिल्मों में अपनी एक्टिंग के जौहर दिखा चुकी Kangana Ranaut की माइक्रोब्लॉगिंग साइट Twitter पर लगभग दो वर्ष बाद वापसी हुई है। पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के बाद कंगना के विवादास्पद कंटेंट पोस्ट करने के बाद ट्विटर ने उनके एकाउंट को बैन किया था।

उनके एकाउंट ने नफरत वाले कंटेंट और उत्पीड़न वाले व्यवहार से जुड़ी ट्विटर की पॉलिसी का कई बार उल्लंघन किया था। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनाव जीतने के बाद राज्य के कुछ हिस्सों में हिंसा भड़क गई थी। इसके बाद ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस ने हिंसा और आगजनी के लिए बीजेपी पर आरोप लगाया था, जबकि बीजेपी ने इसके लिए तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार बताया था। कंगना ने इस दौरान ऐसा ट्वीट किया था जिससे संकेत मिल रहा था कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर ‘नियंत्रण’ करने का निवेदन कर रही हैं।

कंगना ने ट्विटर पर वापसी के बाद मंगलवार को ट्वीट कर कहा, “हेलो एवरीवन, यहां वापस आकर अच्छा लग रहा है।” उन्होंने अपनी आगामी फिल्म ‘इमरजेंसी’ से जुड़ा एक वीडियो भी पोस्ट किया। यह फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर आधारित है। कंगना ने ट्वीट कर बताया कि इस फिल्म की शूटिंग पूरी हो गई है और इसे थिएटर्स में अक्टूबर में रिलीज किया जाएगा। कंगना के ट्विटर एकाउंट को ब्लू टिक नहीं मिला है।

पिछले वर्ष के अंत में कंगना ने ट्विटर के नए मालिक Elon Musk को अपना समर्थन दिया था। इसके साथ ही कंगना के पास इस माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर वेरिफाइड ब्लू टिक के लिए एक दिलचस्प सलाह भी थी। उन्होंने कहा था कि भारत में आधार कार्ड रखने वाले प्रत्येक ट्विटर यूजर को वेरिफाइड ब्लू टिक मिलना चाहिए। उन्होंने ने ट्विटर को बौद्धिक और विचारधारा के नजरिए से एक बेहतर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बताया था। कंगना ने इंस्टाग्राम पर कहा था, “मुझे चुनिंदा लोगों के लिए वेरिफिकेशन का आइडिया कभी समझ नहीं आया। यह इस तरह है कि जैसे अन्य लोगों की कोई वास्तविक मौजूदगी नहीं है। मुझे वेरिफाइड किया जाएगा लेकिन अगर मेरे पिता एक ब्लू टिक चाहते हैं तो तीन से चार जोकर उनकी पहचान को खारिज कर देंगे, जैसे कि वह कोई गैर कानूनी व्यक्ति हैं। आधार कार्ड रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति को वेरिफाइड का निशान मिलना चाहिए।”

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