कोंडागांव। छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले का केरावाही. यहां कि मिट्टी के कण कण में देशभक्ति का जज्बा है. इस गाँव की माटी ऐसी है कि अब तक इस गाँव से जवानों की एक बटालियन देश सेवा कर रही है. कोई सेना में है तो कोई आईटीबीपी. गांव के बुजुर्ग भी अपने बच्चों से कहते है कि तुम देश की सेवा करो..घर और गांव हम संभाल रहे हैं.
जानकारी के अनुसार, जिला मुख्यालय से करीब 18 किलोमीटर दूर केरावाही गाँव के 630 घरों से हर कोई देश की सेवा में लगा है . गांव के युवाओं को देश भक्ति का पाठ किसी और ने नहीं, गाँव से फ़ोर्स में गए बुजुर्गों ने ही पढ़ाया है. एसएफ से रिटायर्ड हुए लखमू राम ने बताया कि वे जब भी छुट्टी में आते थे तो गांव में बच्चों को ट्रेनिंग देते थे.गांव के बन्नू राम कहते है कि मेरा भाई और एक बेटा देश की सेवा कर रहे हैं . बुधनी ने कहती है कि उनके तीन बेटे हैं, जिनमें से दो मेरी सेवा कर रहे है और एक बेटे को भारत मां की सेवा के लिए भेजा है. केरावाही गाँव की आबोहवा ही कुछ ऐसी है कि यहां के युवाओं में देश सेवा की भावना कूट-कूट कर भरी है .
पवन कुमार जम्मू से छुट्टी पर घर आए हैं और बताय कि वह पांच बहनों का एकलौता भाई है. जवान पवन कुमार ने बताया कि पिता जी ने कहा है कि तुम देश की सेवा करो और घर हम संभालेंगे. गाँव के सरपंच राजकुमार कहते है कि मुझे गर्व होता है कि मैं इस गांव का सरपंच हूं. वह कहते हैं कि जिस गाँव की माटी में देश भक्ति की खुशबू हो, वहां रहने वालों का सीना गर्व से चौड़ा होता है.