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सड़कों पर अप्रैल से नहीं चलेंगे 15 वर्ष से पुराने सरकारी व्हीकल्स

सड़कों पर अप्रैल से नहीं चलेंगे 15 वर्ष से पुराने सरकारी व्हीकल्स
केंद्र और राज्य सरकारों के 15 वर्ष से अधिक पुराने नौ लाख से अधिक व्हीकल्स 1 अप्रैल से सड़कों से हट जाएंगे। इनकी जगह नए वाहन लेंगे। इनमें 15 वर्ष से पुरानी ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशंस और पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स की बसें भी शामिल होंगी। इन व्हीकल्स को स्क्रैप किया जाएगा। पिछले वर्ष के बजट में पुराने व्हीकल्स को स्क्रैप करने के बाद खरीदे गए नए व्हीकल्स पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से रोड टैक्स में 25 प्रतिशत की छूट उपलब्ध कराई गई थी। यह पॉलिसी पिछले वर्ष अप्रैल से लागू हुई थी।

ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर Nitin Gadkari ने बताया कि सरकार इथनॉल, मेथनॉल, बायो-CNG और बायो-LNG और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए उपाय कर रही है। उन्होंने कहा, “हमने 15 वर्ष से अधिक पुराने नौ लाख से अधिक सरकारी व्हीकल्स को स्क्रैप करने की स्वीकृति दी है। इससे पॉल्यूशन फैलाने वाली कारें और बसें सड़कों से हट जाएंगी और इनकी जगह ऑल्टरनेटिव फ्यूल का इस्तेमाल करने वाले नए व्हीकल्स लेंगे। इससे पॉल्यूशन में काफी कमी होगी।”

सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है, “ऐसे व्हीकल के शुरुआती रजिस्ट्रेशन से 15 वर्ष पूरे होने के बाद उसका निपटारा मोटर व्हीकल्स रूल्स के अनुसार रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग सेंटर के जरिए किया जाएगा।” पिछले वर्ष गडकरी ने बताया था कि वह प्रत्येक शहर से 150 किलोमीटर के दायरे में कम से कम एक ऑटोमोबाइल स्क्रैपिंग सेंटर बनाने की योजना है। उनका कहना था कि देश में दक्षिण एशियाई क्षेत्र का व्हीकल स्क्रैपिंग हब बनने की क्षमता है।

देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) की बिक्री बढ़ रही है। राजधानी में दिसंबर में EV की रिकॉर्ड 7,046 यूनिट्स की बिक्री हुई। यह इससे पिछले वर्ष के समान महीने की तुलना में 86 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। दिल्ली में EV पॉलिसी लागू होने के बाद से 93,239 EV का रजिस्ट्रेशन हुआ है। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की कुल बिक्री में टू-व्हीलर्स की हिस्सेदारी लगभग 54 प्रतिशत से अधिक की रही। दिसंबर में राजधानी में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बिक्री सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अभी तक की सबसे अधिक मासिक बिक्री है। दिल्ली में लगभग 2,300 चार्जिंग प्वाइंट और लगभग 200 बैटरी बदलने के स्टेशंस मौजूद हैं। दिल्ली सरकार की EV पॉलिसी के कारण राजधानी में इन व्हीकल्स की बिक्री बढ़ी है। इस पॉलिसी के तहत EV खरीदने वालों और अन्य स्टेकहोल्डर्स को इंसेंटिव उपलब्ध कराए जाते हैं।

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