दुर्ग। मिलेट्स के व्यंजनों की लोकप्रियता को देखते हुए जिले के नगरीय निकायों में 12 मिलेट्स कैफे आरंभ किये जाएंगे। यहां मिलेट्स से बनने वाले लोकप्रिय व्यंजन नागरिकों के लिए उपलब्ध होंगे। इसका संचालन एनयूएलएम से जुड़े महिला समूह के उद्यमी करेंगे। मिलेट्स व्यंजनों के विशेषज्ञ शेफ इन्हें व्यंजन बनाने का प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। मिलेट्स कैफे के संबंध में मंगलवार को बैठक में कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने अधिकारियों से विस्तार में चर्चा की। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मिलेट्स आन व्हील भी तैयार करें ताकि मिलेट्स के पौष्टिक व्यंजनों को और लोकप्रियता मिल सके और उद्यमियों के लिए अच्छे अवसर पैदा हो सकें। कलेक्टर ने कहा कि भिलाई में 2 और शेष नगरीय निकायों में एक मिलेट कैफे आरंभ होगा। उन्होंने कहा कि मिलेट के व्यंजन काफी स्वादिष्ट होते हैं और दुर्ग के नागरिकों के लिए भी यह खास अनुभव होगा। इसी तरह जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए भी जैविक सीमार्ट आन व्हील भी निकट भविष्य में आरंभ किया जाएगा। इस मौके पर अपर कलेक्टर श्रीमती पद्मिनी भोई, अरविंद एक्का, जिला पंचायत सीईओ अश्विनी देवांगन, भिलाई निगम आयुक्त रोहित व्यास सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे। कलेक्टर ने कहा कि नगरीय निकायों के गौठान में ऐसी आजीविकामूलक गतिविधियां करनी हैं।
जिसमें बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन हो। इसके लिए बड़े पैमाने पर बायोफ्लाक लगाकर मछली पाली जा सकती है। बायोफ्लाक में बहुत कम जगह में बड़े पैमाने पर मछली का उत्पादन होता है। जो भी गतिविधि करें, बड़े पैमाने पर करें। इसके लिए हर संभव मदद की जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि शहर की सुंदरता पौधों से हैं। हमारे शहर की सुंदरता हम सब की जिम्मेदारी है। मोर शहर मोर जिम्मेदारी के अंतर्गत हम सबसे अपने घर के सामने दो पौधे लगाने का आग्रह करेंगे। इसके लिए रेसीडेंशियल सोसायटी के लोगों के साथ मिलकर काम करना होगा। हर व्यक्ति घर के सामने अथवा अपने पार्क में पौधे लगाएगा तो हरियाली का दायरा स्वतः ही बढ़ जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि वे स्वयं इसके लिए रेसिडेंशियल सोसायटी के पदाधिकारियों से मिलेंगे। टैक्स बढ़ाएं, सुविधाएं बढ़ाएं- कलेक्टर ने कहा कि निगम का राजस्व बढ़ाने के लिए विज्ञापन आदि के माध्यम से अधिक राशि जुटाएं। साथ ही टैक्स कलेक्शन भी पूरी तरह होना चाहिए, इसकी लगातार मानिटरिंग करते रहें। कलेक्टर ने कहा कि शहर में मच्छरों के उन्मूलन की दिशा में भी काम होगा और इसके लिए व्यापक अभियान चलाया जाएगा। कलेक्टर ने नगरीय निकायों के अधिकारियों को वेंडिंग जोन बनाने के संबंध में हुई कार्रवाई पर भी जानकारी ली। कलेक्टर ने कहा कि पटवारी और आरआई के प्रतिवेदन समय पर मिलते रहें तो राजस्व प्रकरणों का शीघ्र निराकरण हो जाता है। उन्होंने सभी एसडीएम को पंद्रह दिन से अधिक, एक महीने और दो महीने से अधिक लंबे समय तक प्रतिवेदन के लिए लंबित प्रकरणों की सूची देने कहा ताकि विलंब के कारणों के संबंध में जानकर इस संबंध में समुचित कार्रवाई की जा सके। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर ने सबसे पहले राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। राजस्व अधिकारियों ने बताया कि राजस्व संबंधी समस्याओं के समुचित निराकरण के लिए राजस्व कैंप आयोजित किये जा रहे हैं जहां मौके पर ही लोगों की समस्या का गुणवत्तापूर्ण निराकरण किया जा रहा है।
संपूर्ण स्वच्छता माडल पर होगा काम, पहले चरण में 25 गांवों में होगा काम
दुर्ग। जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता को बढ़ावा देने और सभी गांवों को स्वच्छ सुंदर बनाने संपूर्ण स्वच्छता माडल पर काम होगा। पहले चरण में इसके लिए 25 गाँवों को लिया जाएगा और इसके पश्चात सभी ग्राम पंचायतों में इसका विस्तार किया जाएगा। कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने यह निर्देश पंचायत विभाग के अधिकारियों की बैठक में लिये। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ अश्विनी देवांगन भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार सुराजी गांवों के महात्मा गांधी के विचार को लेकर चल रही है। शासन की मंशानुरूप ग्रामीण क्षेत्रों में प्रमुखता से स्वच्छता और सुंदरता को बढ़ावा देना अहम है। इसके लिए हमें संपूर्ण स्वच्छता माडल पर काम करना होगा। कलेक्टर ने इस मौके पर कहा कि संपूर्ण स्वच्छता माडल के अभियान के लिए युद्धस्तर पर जुटना है। इसके लिए केवल प्रशासनिक अमले की सक्रियता ही पर्याप्त नहीं है। इस महती लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सामुदायिक भागीदारी भी बहुत जरूरी है। सबसे पहले यह देखना अहम है कि जल निकासी बेहतर तरीके से हो। क्योंकि गंदगी सबसे ज्यादा जल निकाली की पुख्ता व्यवस्था नहीं होने से पनपती है।
घरों में सोक पीट को बढ़ावा देकर यह कार्य किया जाएगा। इसके लिए जरूरी है कि सभी गाँवों में लोगों से मिले और ड्रेनेज को लेकर उन्हें सलाह दें। इसके साथ ही चैक चैराहों की सुंदरता भी अहम है। कलेक्टर ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि दुर्ग जिले के अपने ग्रामीण क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान मैंने देखा कि कुछ गाँव बहुत सुंदर और साफ सुथरे हैं और इसकी बड़ी वजह प्रशासनिक अमले की सक्रियता के साथ ही गाँव वालों की भागीदारी भी है। स्वच्छता अभियान आरंभ होने के बाद यहां पर चैक चैराहों को साफ किया गया। ऐसी जगहों पर जहां लोग गंदगी बिखेर देते थे वहां पर फूलों की क्यारियां लगा दी गईं, इससे ये जगह स्वतः ही सुंदर होती गई। इस मौके पर जिला पंचायत सीईओ अश्विनी देवांगन ने कहा कि दुर्ग जिले में ग्रामीणों की जागरूकता और प्रशासनिक अमले की सक्रियता की वजह से स्वच्छता को लेकर अच्छा काम हुआ है। प्रशासन ने बर्तन बैंक जैसे प्रयोग आरंभ किये और पंचायतों ने उसे अपनाया है। साफ सुथरे गाँवों में बीमारियां कम पनपती हैं। बीमारियों के कम पनपने से स्वास्थ्य का स्तर तो बढ़िया ही रहता है बच्चों में कुपोषण आदि की दिक्कत भी नहीं आती। पंचायत विभाग की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने मनरेगा और एनजीजीबी योजना के अंतर्गत हो रहे कार्यों की विस्तार से जानकारी ली और अमले को निर्देशित किया। कलेक्टर ने पंचायत विभाग के अधिकारियों को महिला मानव दिवस के क्षेत्र में बढ़िया काम करने बधाई दी। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में महिला मानव दिवस मनरेगा के लिए अधिकतम संख्या में सृजित करने पंचायत विभाग ने अच्छा काम किया है।