साइबर सुरक्षा से जुड़ी एक कंपनी, जो साइबर हमलों की आशंका का अनुमान लगाती है, ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि इंटरनेट पर कस्टमर सर्विस के लिए 31 हजार के लगभग फेक फोन नम्बर या कॉन्टेक्ट नम्बर डाले गए हैं। CloudSEK की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ये नम्बर कस्टमर्स को धोखा देने, गुमराह करने और ऑनलाइन फ्रॉड करने के मकसद से डाले गए हैं। XVigil रिस्क मॉनिटरिगं प्लेटफॉर्म ने इसका पता लगाया है और बताया है कि 31,179 नम्बर ऐसे हैं जो फेक हैं।
यहां पर एक चौंकाने वाली बात ये भी सामने आई है कि ये 31 हजार से ज्यादा फ्रॉड नम्बर पिछले 2 सालों से एक्टिव भी हैं। यानि कि न जाने अब तक कितने ही कस्टमर्स इनके जाल में फंस चुके होंगे। इनमें से 56% नम्बर भारत के हैं जबकि बाकी बचे नम्बर गैर भारतीय नम्बर हैं। जो भारतीय नम्बर पाए गए हैं, उनमें से लगभग 80% नम्बर सक्रिय हैं और अभी भी चालू हैं।
इस रिपोर्ट का डेटा बताता है कि इन नम्बरों से जो डोमेन (वेबसाइट एड्रेस) जुड़े हैं, उनमें से 39.4% का टारगेट बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर है, 31.2% टेलीकम्यूनिकेशन से जुड़े हैं। जबकि 9.9 प्रतिशत हेल्थकेयर से जुड़े हैं। रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने 20 हजार भारतीय मोबाइल नम्बरों का सैम्पल खंगाला है जिनको ठगों ने कस्टमर केयर स्कैम में इस्तेमाल किया है। रिपोर्ट कहती है कि भारत में कोई भी बड़ा टेलीकॉम ऑपरेटर इन स्कैमर से अछूता नहीं रह गया है।