एक राज्यव्यापी विश्लेषण (via TOI) से पता चला है कि कर्नाटक राज्य में चार वर्षों (जनवरी 2019 से जनवरी 2023) के बीच 48 लाख रुपये से अधिक की दर से 722 करोड़ रुपये से अधिक साइबर क्राइम के जरिए लूटे गए। इस आंकड़े का 72 प्रतिशत हिस्सा केवल बेंगलुरु का रहा, जहां इस अवधि के दौरान लोगों ने 517.6 रुपये गंवाए।
रिपोर्ट कहती है कि इस आंकड़े को गृह विभाग द्वारा शेयर किया गया है। आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य और शहर दोनों स्तरों पर हर साल लोगों के खोए हुए पैसे में वृद्धि हुई है। 2019 में कथित तौर पर कर्नाटक में साइबर क्राइम से 71.2 करोड़ रुपये और बेंगलुरु में 47.6 करोड़ रुपये लूटे गए। 2020 में, राज्य और शहर के लिए इस आंकड़े में क्रमशः 49% और 66% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इसके बाद, 2021 में क्रमश: 37% और 24% की छलांग देखी गई। 2022 में भी इस आंकड़े ने ऊपर चढ़ना जारी रखा और साइबर क्राइम के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई और संख्या राज्य और शहर में क्रमश: 363 करोड़ रुपये और 266.7 करोड़ रुपये से अधिक गंवाए गए।
रिपोर्ट बताती है कि 2023 में, कर्नाटक के लोगों को औसतन एक दिन में कम से कम 1 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिसमें साइबर अपराधियों द्वारा 36 करोड़ रुपये से अधिक की चोरी की गई, जबकि बेंगलुरु में यह 84 लाख रुपये से अधिक था।
यूं तो चार वर्षों में राज्य ने 722 करोड़ रुपये से अधिक पैसे साइबर अपराधियों के हाथों गंवाए, लेकिन अधिकारियों ने इसमें से केवल 97.3 करोड़ रुपये ही वापस वसूल किए। वसूले गए पैसों में से 63 करोड़ रुपये बेंगलुरु की घटनाओं से बरामद किए गए।
रिपोर्ट आगे बताती है कि जनवरी 2020 से जनवरी 2023 के बीच, राज्य में कम से कम 32,746 साइबर अपराध दर्ज किए गए हैं जिनमें 11,125 से अधिक अभियुक्त शामिल हैं। इसके अलावा, यह भी बताया गया कि इस दौरान 1503 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।