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कंपनी फ्रेंचाइजी के नाम पर ठगी करने वाला गिरोह का खुलासा,5 करोड़ से अधिक कि ठगी,बाप बेटे गिरफ्तार..

दुर्ग।दुर्ग पुलिस ने एक बड़े ठग गिरोह को पकड़ने में सफलता पाई। यह गिरोह नवादा बिहार से सक्रिय था। इनके द्वारा बड़ी बड़ी कंपनियों की फेक वेबसाइट बनाई गई थी। इसके बाद उन कंपनियों की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर ये लोगों से ठगी करते थे। इन लोगों ने पिछले एक साल में 5 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की है। इनके नाम पर 40-50 केस अलग-अलग प्रदेश में दर्ज हैं। दुर्ग एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि इस गिरोह में 40-50 सदस्य शामिल हैं। जिसमें से दो पिता पुत्र को गिरफ्तार किया गया है। वहीं रजनीश कुमार नाम का मुख्य सहयोगी फरार है। रजनीश बोलने में एक्सपर्ट था। वहीं अलग-अलग नंबरों से लोगों को कॉल करके फ्रेंचाइजी देने के लिए लोगों को लुभावने ऑफर देता था। इन लोगों ने अब तक 17 राज्यों में धोखाधड़ी की है। दुर्ग के सुपेला थाना क्षेत्र में भी इन्होंने केएफसी की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर दुर्ग के व्यापारी राजेश कुमारी से 9.30 लाख रुपए की ठगी की थी। इसके बाद दुर्ग पुलिस ने इन्हें पकड़ने के लिए एक टीम तैयार की। आईपीएस प्रभात कुमार के नेतृत्व में टीम बिहार के नवादा जिला पहुंची और आरोपियों को गिरफ्तार किया।

इस तरह पकड़ाए आरोपी
आईपीएस प्रभात कुमार ने बताया कि सुपेला थाने में मामला दर्ज होने के बाद वो लोग एक्टिव हुए। उनकी स्पेशल टीम ने उन नंबरों की पतासाजी की, जिनसे ठगों ने फोन किया था। इसके बाद उस वेबसाइट को चेक किया, जो ठगों द्वारा बनाई गई थी। साइबर एक्सपर्ट से मदद लेने के बाद पता चला कि इन लोगों ने केवल केएफसी ही नहीं बल्कि इसके अलावा किया, पतंजलि, हल्दीराम सहित 16 कंपनियों की फेक वेबसाइट बनाई थी। इस आधार पर पुलिस ने इन्हें ट्रैक किया और बिहार में 10 दिन तक रेकी करने के बाद आरोपियों पता किया। इस दौरान पुलिस को पता चला कि बिहार के नवादा में रहने वाले रामप्रवेश और सूरज प्रसाद जोशी पिछले कई सालों से ठगी का धंधा कर रहे हैं। पुलिस की टीम जब नवादा पहुंची तो पता चला कि आरोपी अपने गांव से बाहर बहुत कम आते हैं।

सब्जी और चाय वाला बनकर की रेकी
आरोपियों को पकड़ने के लिे पुलिस ने सब्जी वाला और चाय वाला बनकर उनकी रेकी की। सारी जानकारी मिलने के बाद योजना बद्ध तरीके से उसके घर में दबिश देकर पिता पुत्र को गिरफ्तार किया। पूछताछ आरोपियों ने बताया कि उन्होंने तेल कंपनी, किया कार, विवो मोबाइल, मैकडॉनल्ड, हल्दीराम, केएफसी, पतंजली, चाय सुट्टा बार, अपोलो टायर, ओकिनावा और बजाज जैसी कंपनियों की वेबसाइट बनाई है। इस के बाद इन फेक वेबसाइट को सिक्योर करते थे। लोग जब इन वैबसाइट से नंबर लेकर उन्हों कॉल करते थे तो वो उन्हें ठगी का शिकार बनाते थे।

बड़ी कंपनियों की फर्जी वेबसाइट बनाकर करते थे ठगी पत्नी और भाई की गिरफ्तारी का बदला लेने के लिए शुरू की ठगी एसपी की पूछताछ में आरोपी सूरज कुमार (24 साल) ने बताया कि उसके गांव सभी ठगी का काम करते हैं। हिमाचल पुलिस उसके छोटे भाई और पत्नी को बिना कारण गिरफ्तार की थी। इसका बदला लेने के लिए उसने भी दिल्ली से सीख कर ठगी का काम शुरू किया। हालांकि एसपी ने बताया कि यह बयान गलत है। आरोपी उसका पिता राम प्रवेश प्रसाद और उसका भाई सहित पूरा गांव ठगी के काम में लिप्त है। जब भी पुलिस उन्हें पकड़ने जाती है तो गांव के पालतू कुत्ते भौंकने लगते हैं और सभी लोग भाग जाते हैं।

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