सैमसंग ने इन कस्टमर्स की जरूरतों को पूरा करने वाले हैंडसेट लॉन्च करने के साथ ही फाइनेंसिंग स्कीम्स से भी अपनी बिक्री बढ़ाई है। मार्केट रिसर्च फर्म Counterpoint के डेटा से पता चलता है कि पिछले वर्ष की चौथी तिमाही में सैमसंग का मार्केट शेयर 20 प्रतिशत, जबकि शाओमी का 18 प्रतिशत का था। देश के 62 करोड़ से अधिक स्मार्टफोन यूजर्स के मार्केट में शाओमी के पहला स्थान गंवाने से यह पता चलता है कि कस्टमर्स की बदलती जरूरतों को पूरा करने में नाकाम रहने वाली कंपनियों को कितना नुकसान होता है।
Counterpoint के अनुसार, देश में 120 डॉलर (लगभग 10,000 रुपये ) से कम की मोबाइल कैटेगरी का मार्केट शेयर पिछले वर्ष घटकर 26 प्रतिशत रह गया, जो इससे पिछले वर्ष लगभग 41 प्रतिशत का था। प्रीमियम स्मार्टफोन्स (30,000 रुपये से अधिक) की हिस्सेदारी लगभग दोगुनी होकर 11 प्रतिशत पर पहुंच गई।
शाओमी और सैमसंग दोनों कंपनियों के लिए भारत एक महत्वपूर्ण मार्केट है, जिसमें स्मार्टफोन्स उनका सबसे अधिक बिकने वाला इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है। सैमसंग की 2021-22 में देश में कुल बिक्री लगभग 10.3 अरब डॉलर की थी, जिसमें से लगभग 6.7 अरब डॉलर स्मार्टफोन्स से मिले थे। शाओमी की कुल बिक्री 4.8 अरब डॉलर की थी। भारत में शाओमी को कुछ मुश्किलों का भी सामना करना पड़ रहा है। हाल के महीनों में कंपनी के कुछ सीनियर एग्जिक्यूटिव्स ने इस्तीफा दिया है। इसके अलावा चीन से जुड़े होने के कारण शाओमी पर रेगुलेटर्स की सख्ती भी बढ़ी है। कंपनी ने अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में बदलाव करने का फैसला किया है। इस वर्ष की शुरुआत में शाओमी ने Redmi Note 12 को लॉन्च किया था जिसके प्रीमियम वेरिएंट का प्राइस 30,000 रुपये से अधिक है। हाल ही में इसने Xiaomi 13 Pro पेश किया है, जिसका प्राइस 79,999 रुपये है और यह देश में कंपनी का सबसे महंगा स्मार्टफोन है।