भिलाई पहुंची पहली महिला आईपीएस किरण बेदी,CA एसोसिएशन की वुमन कांन्फ्रेंस में हुईं शामिल..

भिलाई।भारत की पहली महिला IPS किरण बेदी शनिवार को भिलाई पहुंची। वो सीए भिलाई ब्रांच की 10वीं नेशनल वुमेन कांफ्रेंस के कार्यक्रम में आई थी। उन्होंने यहां के सीए को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य ने विकास किया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा भिलाई शहर महिलाओं की दृष्टि से काफी सुरक्षित शहर है। एक दो घटनाएं हो जाने से कोई भी शहर असुरक्षित नहीं हो जाता है।सिविक सेंटर स्थित सीए भवन में सीए भिलाई ब्रांच द्वारा नेशनल वुमेन कांफ्रेस का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम का आयोजन सीए ब्रांच भिलाई, रायपुर और बिलासपुर के संयुक्त प्रयास से आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप मे देश की पहली महिला IPS किरण बेदी पहुंची। । उन्होंने इस दौरान मीडिया से कहा कि आज के समय में सीए यानी चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना छोटी बात नहीं है। इसका एग्जाम पास करना यूपीएससी से भी कठिन है। सीए हमारे देश के विकास और समाज में बहुत ही अहम रोल अदा कर रहे हैं। जबसे देश में जीएसटी आया है। हर दुकानदार जीएसटी दे रहा है। इनकम टैक्स देने वालों की संख्या बढ़ी है। इसलिए ऐसे लोगों का अकाउंट मेंटेन करना, जिससे सरकार को सही रेवेन्यू जाए, ये काम सीए करते हैं। सही टैक्स जाने से ही हमारे देश का विकास होता है।

भिलाई की महिलाएं दूसरे शहरों से अधिक काबिल
किरण ने कहा कि वो भिलाई आईं। यहां की महिलाओं से मिली। महिला सीए से भी बात की। उन्होंने कहा कि भिलाई की महिलाएं दूसरे जगहों से अधिक काबिल हैं और अधिक सक्षम भी हैं। उन्होंने कहा महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से देखा जाए तो भी भिलाई शहर काफी सुरक्षित शहर है। महिलाओं की नजर से हमारा देश बहुत सुरक्षित है। कुछ घटनाएं हों, इसका मतलब ये नहीं होता कि वो असुरक्षित हो गया। छत्तीसगढ़ ने भी काफी तरक्की की है।

किरण वेदी ने खेल को लेकर अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि स्पोर्ट्स को बढ़ावा मिलना चाहिए। माता पिता बच्चों को खेलने दें। स्कूल उन्हें खिलाए। यूनिवर्सिटी सही स्कालरशिप दे। खेल से चरित्र निर्माण होता है। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि मुझे मंदिर से पहले एक फुटबाल ग्राउंड दे दो। क्योंकि वो विश्वास करते थे कि जो खिलाड़ी होता है उसके अंदर वो गुण होते हैं जो हमें किताबों से नहीं मिलते। ये गुण उसे प्ले ग्राउंड से मिलते हैं। खेल से आप अधिक हिम्मती होते हैं। अधिक डिसीजन मेकिंग बनते हैं। आपकी स्टेमिना बढ़ती है। पर्सनालिटी डेवलप होती है। आप रूल बाउंड होते हैं। आप चीटिंग करके पास होने में विश्वास नहीं करते। उन्होंने कहा कि एक फुटबॉल पूरे गांव को बदलता है। ऐसा उनका मानना है।

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