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स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने निकाली स्वच्छता मशाल रैली, लोगों को दिलाई शपथ…

गरियाबंद।राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डे-एनयूएलएम) अंतर्गत बनाए गए महिला स्व-सहायता समूहों और संगठन ने लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरुक करने का बीड़ा उठाया है. अभियान के पहले बुधवार को नगरपालिका अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार मेमन के नेतृत्व में पालिका की टीम ने महिला स्व-सहायता समूहों के नगर में स्वच्छता मसाल रैली निकाली. स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने निकल मशाल रैली के दौरान में टीम ने तिरंगा चौक में आम जनता के साथ शहर को कचरा मुक्त बनाने, शहर की स्वच्छता में भागीदारी निभाने, खुले में कचरा नहीं फेंकने, कचरा नहीं जलाने, जलाशयों में कचरा नहीं फेंकने, खुले में शौच नहीं करने सहित अन्य बिंदुओं पर स्वच्छता की शपथ ली. जिला समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन शेखर दुबे ने सभी को शपथ दिलाई.

इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार मेमन ने कहा कि नगर के विकास के साथ ही नगर के स्वच्छता पर भी ध्यान देना जरूरी है. नगर स्वच्छ सुंदर दिखेगा तो गरियाबंद की अलग पहचान बनेगी. यह सभी के भागीदारी से ही संभव हो सकता है. इस दौरान नगर वासियों से अपील करते हुए हर दिन घर से निकलने वाला कचरा वे खुले में फेंकने के बजाय पालिका प्रशासन से आने वाले वाहनों में ही डालें. तालाब, जलाशय इत्यादि के किनारे गंदगी ना फैलाएं. सुखा और गीला कचरा अलग-अलग रखें. रैली के दौरान नगर पालिका सीएमओ टामसन रातें, सभापति वंश गोपाल सिन्हा सहित सभी अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे.

इधर, मिशन समन्वयक दुबे ने बताया कि राज्य शहरी विकास अभिकरण, छत्तीसगढ़ एवं भारत सरकार, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के निर्देश पर नगर पालिका परिषद गरियाबंद में स्वच्छ भारत मिशन एवं राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डे-एनयूएलएम) के द्वारा महिला स्व-सहायता समूहों और संगठनों को शहर को कचरा मुक्त बनाने और स्वच्छता सम्बन्धी जागरूकता के लिए मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया गया. ये ट्रेनर शहर के समस्त वार्डों में नागरिकों को स्वच्छता सम्बन्धी सन्देश देते हुए शहर की स्वच्छता में भागीदारी निभाने अपील भी करेंगी.

मास्टर ट्रेनर कचरे का प्रबंधन सुरक्षित और वैज्ञानिक तरीकों से करने लोगों को जानकारी देंगे जिसमें मुख्य रूप से कचरे का सोर्स सेग्रीगेशन, खुले में कचरा नहीं फेंकना, कचरा नहीं जलाने, जलाशयों में कचरा नही फेंकना, खुले में शौच नहीं करना, हर तीन साल में सेप्टिक टैंक की सफाई, होम कम्पोस्टिंग तथा पर्सनल हाइजिन और स्वास्थ्य के सम्बंध में लोगों को जागरूक करेंगे.

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