मार्केट रिसर्च फर्म IDC की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस वर्ष की पहली तिमाही में PC की ग्लोबल शिपमेंट्स घटकर 5.69 करोड़ रही। यह पिछले वर्ष की समान अवधि में 8.02 करोड़ थी। पिछले वर्ष की अंतिम तिमाही में इन शिपमेंट्स में वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 28.1 प्रतिशत की कमी हुई थी। पहली तिमाही में एपल की शिपमेंट्स सबसे अधिक लगभग 40.5 प्रतिशत घटी हैं। Dell के लिए शिपमेंट्स में कमी 31 प्रतिशत की रही। इसके अलावा Lenovo, Asustek Computer और HP को भी पहली तिमाही में शिपमेंट्स में गिरावट का सामना करना पड़ा है।
एपल ने फरवरी में बताया था कि उसके Mac कंप्यूटर्स की बिक्री महामारी के दौरान वर्क फ्रॉम होम की वजह से तेजी से बढ़ी थी। इसमें पिछली तिमाही में वैल्यू के लिहाज से वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 29 प्रतिशत की कमी हुई है। IDC ने बताया, “डिमांड में कमी से डिवाइसेज बनाने वाली कंपनियों को सप्लाई चेन में बदलाव करने का मौका मिला है। बहुत सी कंपनियां चीन से बाहर प्रोडक्शन को बढ़ाने की संभावना तलाश रही हैं।” बड़े देशों की इकोनॉमी में स्लोडाउन की आशंका बरकरार है। कुछ बड़े बैकों में वित्तीय संकट और इन्फ्लेशन बढ़ने से ग्रोथ और इनवेस्टमेंट में रुकावट आ सकती है।
हालांकि, एपल के लिए आईफोन की बिक्री अच्छी रही है। भारत में बने iPhones की संख्या और वैल्यू पिछले वर्ष बढ़ी है। एपल अपनी सप्लाई चेन को डायवर्सिफाइ करने के लिए चीन से प्रोडक्शन को शिफ्ट कर रही है और इस वजह से भारत में कंपनी के डिवाइसेज के प्रोडक्शन में बढ़ोतरी हुई है। हाल ही में Counterpoint की रिपोर्ट में बताया गया था कि पिछले वर्ष भारत में मैन्युफैक्चर किए गए iPhones की शिपमेंट वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 65 प्रतिशत बढ़ी हैं। इसके अलावा आईफोन की वैल्यू में 162 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। पिछले वर्ष भारत से स्मार्टफोन्स की कुल शिपमेंट में एपल की हिस्सेदारी लगभग 25 प्रतिशत की थी। दुनिया भर में बिकने वाले आईफोन्स में से लगभग 85 प्रतिशत की मैन्युफैक्चरिंग चीन में होती है। हालांकि, एपल के अपनी मैन्युफैक्चरिंग को चीन से बाहर शिफ्ट करने की कोशिशों से इसमें कमी आ सकती है।
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