अतिसंवेदनशील क्षेत्र की सड़को का निर्माण होगा:दहशत के कारण 20 से 21 बार निकाले गए टेंडर,92 सड़कों का टेंडर 22वीं बार में फाइनल हुआ

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत प्रदेश के अतिसंवेदनशील क्षेत्र की 92 सड़कों का टेंडर 22वीं बार में फाइनल हुआ। डर और दहशत के कारण 20 से 21 बार निकाले गए टेंडर में कोई भी ठेकेदार काम लेने को तैयार नहीं हो रहा था लेकिन अब सुरक्षा उपलब्ध कराए जाने के बाद 400 किलोमीटर लंबाई की इन सड़कों का काम शुरू होने जा रहा है।

बताया गया है कि राज्य सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पिछले साढ़े चार साल में पांच हजार किलोमीटर से ज्यादा लंबी सड़कों का निर्माण किया है। इनमें अतिसंवेदनशील क्षेत्र की 72 सड़कें भी शामिल हैं। पीएमजीएसवाय के अफसरों ने बताया कि प्रदेश के अतिसंवेदनशील आठ जिलों दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर एवं राजनांदगांव में कुल 5339 किलोमीटर की 1020 सड़कों का काम पूरा किया जा चुका है। इनमें लगभग पांच साल से अस्वीकृत एवं अपूर्ण सड़कों को पूरा करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया गया। इसमें स्थानीय पुलिस और प्रशासन का पूरा सहयोग रहा। अफसरों ने बताया कि इस साल स्वीकृत 378 किलोमीटर लंबाई की 113 सड़कों का काम का टेंडर भी जल्द लगाने की तैयारी की जा रही है।

56 बड़े पूलों का निर्माण भी : इस दौरान 2775 किलोमीटर की 864 सड़कों का नवीनीकरण भी कराया गया है। जबकि वर्तमान में 245 किलोमीटर की 64 सड़कों में नवीनीकरण एवं मरम्मत काम चल रहा है। वहीं बारिश के दिनों में बड़े नदी-नालों के कारण लोगों को होने वाली परेशानी से बचाने के लिए 56 बड़े पूलों का निर्माण भी किया गया है।

नक्सलियों ने 295 बाधा डाली, 72 मशीनें जलाईं

सड़क निर्माण के दौरान 295 बार नक्सलियों ने काम में बाधा डाली। वहीं 72 बार निर्माण में लगी मशीनें जलाईं गईं। इस दौरान गादीरास से झीरमपाल गोडापाली, लेडा से पेरमापारा तथा चांदमेटा से भटरीमाऊ, जेके रोड तखवाड़ा से बैंगपाल एवं कटेकल्याण से कलापाल को सुरक्षाबलों के सहयोग से पूरा कराया गया।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर सड़कों के निर्माण के लिए पुलिस प्रशासन और सुरक्षा बलों द्वारा सुरक्षा उपलब्ध कराया जा रहा है। जिसके कारण ठेकेदारों ने काम शुरू कर दिया है।
-आलोक कटियार सीईओ, पीएमजीएसवाय

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