Safety of Cars will Increase with Launch of Bharat NCAP on 22 August

कारों की सेफ्टी बढ़ाने के लिए 22 अगस्त को लॉन्च होगा भारत NCAP

देश में कारों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए 22 अगस्त को भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (NCAP) को लॉन्च किया जाएगा। केंद्र सरकार ने रविवार को बताया कि देश में मैन्युफैक्चर्ड और बिकने वाले पैसेंजर व्हीकल्स को नए सेफ्टी रेगुलेशन का पालन करना होगा। नए सेफ्टी रेगुलेशन को देश भर में 1 अक्टूबर से लागू किया जाएगा। 

रोड, ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज मिनिस्ट्री ने बताया कि भारत NCAP देश में रोड सेफ्टी में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इसके तहत 3.5 टन तक के मोटर व्हीकल्स के लिए सेफ्टी स्टैंडर्ड्स बढ़ाए गए हैं। मिनिस्ट्री ने कहा है कि इससे कार बायर्स को ऑटोमोबाइल मार्केट में उपलब्ध मोटर व्हीकल्स की क्रैश सेफ्टी का आकलन करने में आसानी होगी। भारत NCAP के तहत कार मेकर्स स्वेच्छा से अपनी कारों की टेस्टिग करा सकेंगे। क्रैश टेस्ट में कार के प्रदर्शन के आधार पर स्टार रेटिंग दी जाएंगी। कार को खरीदने से पहले कस्टमर्स इन स्टार रेटिंग को देखकर विभिन्न व्हीकल्स के सेफ्टी स्टैंडर्ड्स की तुलना कर सकेंगे। 

नए सेफ्टी रेगुलेशन के लागू होने के बाद अधिक सुरक्षित कारों की डिमांड बढ़ने का अनुमान है। इससे कार मेकर्स को भी सुरक्षित कारों की मैन्युफैक्चरिंग के लिए Bharat NCAP का पालन करने का प्रोत्साहन मिलेगा। मिनिस्ट्री को उम्मीद है कि उच्च सेफ्टी स्टैंडर्ड्स के साथ इंटरनेशनल मार्केट में देश में बनी कारों की डिमांड बढ़ेगी। 

सभी पैसेंजर कारों (M1) कैटेगरी में 1 अक्टूबर से न्यूनतम छह एयरबैग्स को अनिवार्य किया जाएगा। ऑटोमोबाइल कंपनियों के लिए पैसेंजर कारों में छह एयरबैग का नियम पिछले वर्ष लागू होना था लेकिन इसे टाल दिया गया था। ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने इससे व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट बढ़ने के कारण सरकार से इस नियम पर दोबारा विचार करने का निवेदन किया था। इस बारे में जारी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में कहा गया था कि M1 कैटेगरी (8 सीटों तक) के व्हीकल्स में कम से कम छह एयरबैग्स लगाने होंगे। इस नियम का असर बजट से मिड-रेंज व्हीकल्स पर पड़ेगा जिनमें पिछली सीट पर पैसेंजर्स के लिए एयरबैग्स नहीं होते। इस नियम के लागू होने के बाद पैसेंजर्स के लिए व्हीकल्स में सेफ्टी बढ़ जाएगी। पैसेंजर कारों के लिए दो एयरबैग्स पहले से अनिवार्य हैं। चार एयरबैग्स और जोड़ने की औसत कॉस्ट 8,000-10,000 रुपये होगी। इसके अलावा ऑटोमोबाइल कंपनियों को मॉडिफिकेशन पर भी खर्च करना होगा। इससे व्हीकल की कॉस्ट लगभग 30,000 रुपये बढ़ जाएगी। 

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