Deccan Herald की रिपोर्ट के अनुसार, एक इंजीनियरिंग छात्र ने Amazon India के साथ 3.88 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। पुलिस जांच में पता चला है कि इस छात्र ने ई-कॉमर्स दिग्गज के साथ स्कैम करने के लिए उसकी रिफंड पॉलिसी का इस्तेमाल किया था। चिराग गुप्ता नाम के इस इंजीनियरिंग छात्र ने इस स्कैम को एक ग्रुप के कहने पर अंजाम दिया था।
रिपोर्ट के अनुसार, मूल रूप से मध्य प्रदेश के रहने वाले गुप्ता ने 15 से 17 मई के बीच एक iPhone 14 Pro Max और तीन iPhone 14 Plus डिवाइस खरीदने के लिए क्रेडिट कार्ड और UPI पेमेंट का उपयोग किया। अमेजन ने अपने पीन्या फुलफिलमेंट सेंटर से गुप्ता के लोकेसन में सभी आइटम भेजे।
रिपोर्ट आगे बताती है कि कुछ ही समय बाद, अमेजन को एहसास हुआ कि गुप्ता ने सभी ऑर्डर के लिए रिटर्न शुरू कर दिया और उसे रिफंड मिल भी गया। हालांकि, बाद में पता चला कि Amazon को प्रोडक्ट वापस ही नहीं मिले। आगे की जांच के लिए कंपनी ने एक प्रबंधक राज रेड्डी को गुप्ता के पते पर भेजा। इसके बाद, गुप्ता ने कबूल किया कि मध्य प्रदेश के एक दोस्त ने उसे ऑर्डर देने, भुगतान करने और बाद में लेनदेन रद्द करने के लिए कहा था। ऐसा करने से Amazon ऐप पर प्रोडक्ट ‘रिटर्न्ड’ लेबल के साथ दिखाई दे रहे थे, जिससे रिफंड प्रोसेस शुरू हो गया। इसके बदले गुप्ता से प्रोडक्ट्स की मूल कीमत का एक छोटा हिस्सा मांगा गया था।
इस खुलासे के बाद, जांच को और आगे बढ़ाया गया और अमेजन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के साउथ जोनल मैनेजर परमेश एचसी ने यशवंतपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की।
रिपोर्ट बताती है कि जांच से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि कि पुलिस ने 26 मई को गुप्ता को गिरफ्तार किया था और उसके द्वारा ऑर्डर किए गए प्रोडक्ट्स को जब्त कर लिया। बाद में यह भी पता चला कि यह घोटाला एक टेलीग्राम चैनल पर एक गिरोह द्वारा चलाया जा रहा था, जिनका एक्सेस अमेजन की बेहद गोपनिय डिटेल्स तक था। कथित तौर पर यूके, यूएस और कनाडा में स्थित गिरोह के सदस्यों ने अमेजन ऐप में हेरफेर करने और प्रोडक्ट को ‘Returned’ प्रदर्शित करने के लिए एडमिन क्रेडेंशियल्स तक पहुंच प्राप्त कर ली थी।
पुलिस ने अब तक कथित तौर पर 20.34 लाख रुपये के प्रोडक्ट जब्त कर लिए हैं। इनमें 16 आईफोन, 2 मैकबुक, एक डेस्कटॉप कंप्यूटर, एक Vivo मोबाइल फोन, एक गेमिंग लैपटॉप, एक Apple Airpods और एक Panasonic एयर कंडीशनर शामिल हैं। उन्होंने 2.5 लाख रुपये नकद भी जब्त किए हैं और 30 लाख रुपये का बैंक बैलेंस फ्रीज किया है।
परमेश के मुताबिक, कंपनी को इसी तरह के मामलों में 20 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है, लेकिन उसने केवल बेंगलुरु में पुलिस शिकायत दर्ज कराई है।