इस लॉन्च की ऑपरेटर Mitsubishi Heavy Industries (MHI) ने बताया कि ऊपरी वातावरण में हवा की स्थितियों के कारण लॉन्च को टाला गया है। MHI की लॉन्च सर्विसेज यूनिट ने X (पहले Twitter) पर एक पोस्ट में बताया कि H-IIA के लॉन्च से 24 मिनट पहले इसे कैंसल किया गया है। इसे जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) के तानेगाशिमा स्पेस सेंटर से सुबह 9:26 पर लॉन्च किया जाना था। JAXA ने बताया कि इस बारे में अधिक जानकारी MHI की ओर से YouTube लाइवस्ट्रीम में दी जाएगी। यह रॉकेट JAXA के लुनर लैंडिंग स्पेसक्राफ्ट, स्मार्ट लैंडर फॉर इनवेस्टिगेटिंग मून (SLIM) और एक X-रे इमेजिंग सैटेलाइट को ले जाने वाला था।
पिछले सप्ताह भारत ने चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सुरक्षित लैंडिंग के साथ एक बड़ी कामयाबी हासिल की थी। भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO के वैज्ञानिकों ने जब चंद्रयान-3 के डिजाइन की शुरुआत की थी, तो उन्हें पता था कि उनके पास चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंडिंग कर इतिहास बनाने का एक और मौका है। लगभग चार वर्ष पहले उनकी यह कोशिश नाकाम हो चुकी थी। उन्हें इस बार कम बजट में यह मिशन पूरा करना था। चंद्रयान-3 पर केवल 6.15 अरब रुपये खर्च हुए हैं। इसके लिए रॉकेट पर कॉस्ट से लेकर देश में सप्लाई बेस बनाने तक ISRO की चंद्रयान-3 के साथ चंद्रमा पर लैंडिंग की सफलता से यह संकेत मिल रहा है कि ISRO ने कम कॉस्ट में बड़े मिशन पूरे करने का एक सिस्टम तैयार कर लिया है।
हालांकि, ISRO के इस इनोवेशन की टेस्टिंग आगामी मिशंस में होगी। केंद्र सरकार ने पिछले फाइनेंशियल ईयर में डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस के लिए लगभग 13,700 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। हालांकि, डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस ने इससे लगभग 25 प्रतिशत कम खर्च किया था। मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में यह बजट 12,560 करोड़ रुपये का है। इसकी तुलना में अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA को 25 अरब डॉलर (लगभग 2,06,585 करोड़ रुपये) का बजट दिया गया है।
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