केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हवाला पर छापेमारी और गिरफ्तारी के बाद रायपुर पुलिस ने भी अवैध कारोबार करने वालों पर छापेमारी शुरू कर दी है। पुलिस ने एमजी रोड और तेलघानी नाका में नोटों से भरा बैग ले जा रहे चार लोगों को हिरासत लिया है। उनके बैग में 80 लाख कैश मिले हैं। पुलिस ने आयकर विभाग (आईटी) को भी इतना कैश मिलने की सूचना दे दी है।
पुलिस को इनपुट मिला है रायपुर से कोलकाता, दिल्ली, मुुंबई, जयपुर और अहमदाबाद के बीच हवाला का बड़ा रैकेट चल रहा है। रोज करोड़ों का लेन-देन का शक है। पकड़े गए संदिग्धों का लिंक उसी रैकेट से होने के संकेत हैं। पुलिस के साथ आईटी की टीम भी जांच के लिए मौदहापारा और गंज थाना पहुंच गई है।
पुलिस पता लगा रही है कि हिरासत में लिए गए संदिग्ध कितनी बार रायपुर से देश के बड़े शहरों में आना जाना करते हैं। उनके मोबाइल का भी परीक्षण किया जा रहा है। अफसरों के अनुसार मोबाइल की मदद से उनके लिंक का खुलासा होगा। प्रारंभिक जांच में उनका सराफा, सरिया, अनाज कारोबारियों से संबंध का पता चला है।
ये भी पता चला है कि वे उन्हीं का पैसा हवाला कर रहे थे। इसमें उन्हें मोटा कमीशन मिलता है। पुलिस अफसरों ने बताया कि अमलीडीह निवासी नरेश तलरेजा (54) का गुढियारी में चॉकलेट का कारोबार है। वह चॉकलेट की सप्लाई करते हैं। वह सोमवार रात अपनी मोपेड पर 12 लाख कैश लेकर गुढियारी से स्टेशन रोड होकर एमजी रोड से मालवीय रोड की ओर जा रहे थे।
पुलिस ने गाड़ियों की जांच के दौरान उन्हें रोक लिया। कारोबारी की गाड़ी की जांच की गई। उसमें 12 लाख कैश मिला। मोटी रकम देखकर पुलिस कारोबारी को हिरासत में लेकर थाने पहुंच गई। कारोबारी ने पुलिस को पूछताछ में बताया है कि उसके व्यापार का पैसा है। पुलिस ने आईटी अधिकारियों को बुला लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है।
छोटे व्यापार में लाखों का कैश
गंज पुलिस को तेलघानी नाका के पास जांच के दौरान कारोबारी अनूप माखीजा(35)देवपुरी, मनोज मंत्री (51)अमलीडीह और उसके एक साथी पास 68 लाख कैश मिला है। उन्हें भी हिरासत में ले लिया गया है। कारोबारियों की पाइप की फैक्ट्री हैं। तीनों इतनी मोटी रकम कहां लेकर जा रहे थे, इसका ब्यौरा नहीं दे पाए हैं।
तीनों से आईटी की टीम भी पूछताछ कर रही हैं। पुलिस के अनुसार एक कारोबारी का पहले भी हवाला कारोबार में नाम आ चुका है। इस बार भी हवाला के लिए मोटी रकम लेकर जा रहे थे। कारोबारियों से एक आधा नोट भी मिला है। आमतौर पर ऐसे नोट का उपयोग हवाला के पैसों का लेन-देन करते समय किया जाता है।
कारोबार की आड़ में हवाला
राजधानी में ऐसे कारोबारी दर्जनों की संख्या में हैं, जिनका व्यापार छोटा है। बड़े राज्यों के बड़े कारोबारी इन्हीं व्यापारियों के जरिए हवाला का काम करते हैं। छोटे कारोबारियों का संबंध बड़े कारोबारियों से होता है। इस वजह से बड़ी रकम इधर से उधर करने के लिए यह उनका भरोसा आसानी से जीत लेते हैं।
छत्तीसगढ़ या दूसरे राज्यों के बड़े कारोबारियों को जब भी कैश में बड़ी रकम की जरूरत होती है तो इन्हीं कारोबारियों से रकम अपने संबंधित व्यापारियों के पास पहुंचवा देते हैं। इसके बदले में उन्हें मोटा कमीशन मिलता है। हवाला की रकम लाखों-करोड़ों में होने की वजह से यह कमीशन ज्यादा होता है। इसलिए इस तरह के कारोबारी आसानी से हवाला का कारोबार करते हैं। बाजार में इनका दूसरा व्यापार दिखता है। इस वजह से जीएसटी, आईटी और पुलिस वाले आसानी से शक नहीं करते हैं।
चुनाव आयोग ने दिए थे निर्देश
केंद्रीय चुनाव आयोग ने छत्तीसगढ़ में मीटिंग के दौरान पैसों के अवैध परिवहन या हवाला पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिए हैं। इसके बाद से पुलिस ने सड़कों और व्यापारिक इलाके में जांच तगड़ी कर दी है। थानों के टीम के साथ एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट की टीम को लगाया गया है। हवाला कारोबार से जुड़े लोगों पर नजर रखी जा रही है। उन्हें पकड़ा जा रहा है। चुनाव तक शहर में ऐसी कार्रवाई लगातार चलेगी। केवल रायपुर में ही नहीं छत्तीसगढ़ से लगे सभी राज्यों के बार्डरों में इसी तरह की जांच की जा रही है।