समीप ग्राम बासुला में बलिदानी राजा गुरु बालकदास की जयंती 18 अगस्त को थी उसके उपलक्ष्य में जयंती समारोह शोभायात्रा एवं पंथी कलाकार सम्मेलन व सम्मान समारोह सात सितंबर को मनाया गया। जयंती समारोह का शुभारंभ रथ में गुरु गद्दी स्थापना के साथ छत्तीसगढ़ के ख्याति प्राप्त पंथी दलों के भव्य पंथी नृत्य के साथ विशाल शोभायात्रा ग्राम भ्रमण के पश्चात जोड़ा जैतखाम में ध्वजा रोहण (पालो) चढ़ाया गया। कार्यक्रम में आए हुए अतिथियों का स्वागत एवं उद्बोधन के पश्चात पंथी कलाकारों का सम्मान किया गया।
इसमें प्रमुख रूप से पंथी दल उमरपोटी, लखोली, सुखरी, चीचा, डुमरडीह उतई, परसकोल, बागतरई, अचानकपुर भाटापारा, अरसनारा, अहिवारा, पिटौरा, कोडिया, कुकदा, शेरगढ़, ठाकुरटोला, बठेना, तेंदुभाठा, बोरिया, केकराजबोड़, मुंदगांव, परसाही, कातलवाही, मुल्ले, दामरी, दपका, डोगरी, पदुमतरा, कोसा, धमना, मुड़पार एवं अन्य जिलों से पंथी दल शामिल हुए। इसके बाद मुख्य अतिथि सरपंच कमलेश्वर थे। अध्यक्षता खेमचंद भारती ने की।
विशिष्ट अतिथि शिक्षक कुमार जांगड़े, भोज बंजारे कुकदा, उत्तम गायकवाड, पप्पू सोनी, व्याख्याता मेघकरण मारकंडे, देवदास बंजारे, संदीप बंजारे, केशव जांगड़े, नीरज बारले, लोकनाथ बर्मन, खेमन सोनवानी, हेमेश जांगड़े, जय चंदेल एवं आसपास के सामाजिक भंडारी, छढीदार, सामाजिक कार्यकर्ता आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में पंथी कलाकारों योगदान दिया। यह जानकारी समाज सचिव सुकलचंद कोसरे ने दी