भाजपा की रेखा पात्रा ने संदेशखली को लेकर टीएमसी पर हमला किया, दावा किया ‘2011 से वोट देने की अनुमति नहीं दी गई’ |

बशीरहाट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की लोकसभा उम्मीदवार रेखा पात्रा ने पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर चुनावों के दौरान कथित गुंडागर्दी को लेकर हमला बोला। उन्होंने यह भी भरोसा जताया कि वह इस बार अपना वोट डाल पाएंगी, जो वह पिछले दो चुनावों में नहीं डाल पाई थीं।

रेखा पात्रा ने एएनआई से कहा, “हम 2011 से वोट नहीं डाल पाए हैं, लेकिन आज मुझे पूरा भरोसा है कि भगवान और मोदीजी के आशीर्वाद से हम चुनाव में अपना वोट डाल पाएंगे। यही कारण है कि हम वोट देने के लिए बूथ पर जा रहे हैं।”

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पात्रा ने अतीत में चुनावों के दौरान टीएमसी की हिंसक कार्रवाइयों पर भी निशाना साधा, खासकर संदेशखली में, जहां पार्टी ने कथित तौर पर लोगों को वोट डालने से रोका था।

संदेशखली में टीएमसी की हिंसक रणनीति पर बोलते हुए पात्रा ने कहा, “संदेशखली में आंदोलन सिर्फ वोटिंग के लिए नहीं था; यह हमारे सम्मान और आदर के लिए था। टीएमसी के सदस्यों ने संदेशखली के लोगों की ज़मीनें हड़पने की कोशिश की और उन्हें कोई योजना नहीं दी।”

उन्होंने कहा, “उन्होंने हमारे आंदोलन को पटरी से उतारने की कोशिश की, लेकिन वे असफल रहे क्योंकि संदेशखली के नागरिक एकजुट हैं। संदेशखली ही नहीं, बल्कि बशीरहाट में भी सभी परिवार एकजुट हैं। वे सभी हमारे परिवार हैं। हम उनके साथ खड़े हैं और मुझे विश्वास है कि वे भी हमारे साथ खड़े होंगे।”

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संदेशखली में भाजपा महिला कार्यकर्ताओं की पिटाई के लिए टीएमसी कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाते हुए पात्रा ने कहा, “टीएमसी का अत्याचार कोई नई बात नहीं है, वे 2011 से ऐसा कर रहे हैं। हमने इसे लंबे समय तक बर्दाश्त किया है, और हम इसे सिर्फ एक दिन और बर्दाश्त कर सकते हैं। बशीरहाट की पूरी जनता उन्हें जवाब देगी।”

रेखा पात्रा को भाजपा ने बशीरहाट निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा था, जो टीएमसी उम्मीदवार हाजी नूरुल इस्लाम और सीपीआई (एमपी) उम्मीदवार निरपदा सरकार के खिलाफ चुनाव लड़ रही थीं। पात्रा उन महिलाओं में से एक थीं जिन्होंने संदेशखली में शाहजहां शेख के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था और महिलाओं के खिलाफ उनके कथित दुर्व्यवहार को प्रकाश में लाया था।

शेख की हरकतों और संदेशखली में महिलाओं की दुर्दशा के खिलाफ सबसे पहले आवाज पात्रा ने ही उठाई थी। शाहजहां को टीएमसी ने छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया और बाद में गिरफ्तार कर लिया।